राष्ट्रपति चुनाव: लालू ने कहा, मैं कभी सिद्धांत से समझौता नहीं करता, ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं नीतीश
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राष्ट्रपति चुनाव: लालू ने कहा, मैं कभी सिद्धांत से समझौता नहीं करता, ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं नीतीश

विपक्ष की तरफ से कांग्रेस की मीरा कुमार को राष्टपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, मैं कभी सिद्धांत से समझौता नहीं करता, नीतीश कुमार कोविंद को समर्थन कर ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं. नीतीश ने कहा था, जो विपक्ष तय करेगा वही करूंगा.

राष्ट्रपति चुनाव: लालू ने कहा, मैं कभी सिद्धांत से समझौता नहीं करता, ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं नीतीश

नई दिल्ली: विपक्ष की तरफ से कांग्रेस की मीरा कुमार को राष्टपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, मैं कभी सिद्धांत से समझौता नहीं करता, नीतीश कुमार कोविंद को समर्थन कर ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं. नीतीश ने कहा था, जो विपक्ष तय करेगा वही करूंगा. 

राजद सुप्रीमो ने कहा कि वह नीतीश कुमार से मामले में पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे लेकिन इससे राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है और जद यू के इस निर्णय के बावजूद गठबंधन जारी रहेगा. उन्होंने इस मामले पर सवालों का जवाब देते हुए कहा, आज हमने अपील की है और कल उनसे एक इफ्तार पार्टी में मुलाकात होगी जहां उनसे निर्णय की समीक्षा करने के लिए कहूंगा. मैं उनसे ऐतिहासिक गलती नहीं करने के लिए कहूंगा क्योंकि भाजपा उम्मीदवार को समर्थन करने का उनका निर्णय गलत है. 

यह पूछने पर कि क्या कुमार ने विपक्ष की एकता के साथ छल किया है तो उन्होंने कहा, कोई छल हुआ है या नहीं यह नीतीश कुमार ही बेहतर जानते हैं. बिहार में हमारी सरकार चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष नीतीश से अपील करेगा कि इस पर पुनर्विचार करें. उन्होंने कहा, हम वहां सरकार को कोई खतरा पैदा नहीं होने देंगे. 

लालू प्रसाद ने कहा कि कोविंद के खिलाफ उनकी विचारधारा की लड़ाई है. उन्होंने कहा, वह आरएसएस के कट्टर समर्थक हैं और अगर कांग्रेस ने भी हमसे उनका समर्थन करने को कहा होता तो हम इसका विरोध करते. राजद सुप्रीमो ने कहा कि विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार बिहार की बेटी हैं और पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं. उन्होंने कहा कि मीरा विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगी.

उन्होंने कहा, लालू यादव विचारधारा पर कभी समझौता नहीं करेगा. आज हमने बिहार की बेटी और महान दलित नेता जगजीवन राम की बेटी पर निर्णय किया है. हम विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगे. लालू ने कहा कि नीतीश कुमार के जदयू ने एनडीए प्रत्याशी के विरोध में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार की चर्चा शुरू की थी. लालू ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि वह कोविंद का समर्थन इसलिए कर रहे हैं कि वह अच्छे राज्यपाल और अच्छे व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, किसी व्यक्ति की अच्छाई पर निर्णय नहीं किया जाता है बल्कि विचारधारा पर निर्णय किया जाता है. हम अपनी विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेंगे.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनावः एनडीए के कोविंद के जवाब में विपक्ष ने भी उतारा दलित चेहरा 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 17 विपक्षी दलों ने कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के नाम पर मुहर लगा दी. अब एनडीए के रामनाथ कोविंद के खिलाफ मीरा कुमार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव मैदान में होंगी. एनसीपी के शरद पवार ने मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा. विपक्ष का कहना है कि वे सेकुलर दलों से मीरा कुमार को समर्थन देने की अपील करेगा. fallback

मीरा कुमार 27 जून को नामांकन भरेंगी.  मीरा कुमार वकील और पूर्व आईएफएस अधिकारी रह चुकीं है. बिहार की सासाराम लोकसभा सीट से मीरा कुमार सांसद भी रहीं है. मीरा कुमार 5 बार सांसद रह चुकीं है. वर्तमान में मीरा कुमार राज्यसभा सदस्य है.

मीरा कुमार कांग्रेस का दलित चेहरा मानी जाती हैं. मीरा कुमार बिहार में दलितों के सबसे बड़े नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी है. मीरा कुमार दिल्ली की करोल बाग लोकसभा सीट से भी सांसद रह चुकीं है. मीरा कुमार साल 2009 से 2014 तक लोकसभा की स्पीकर रहीं हैं. मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला स्पीकर बनीं थी. इससे पहले यूपीए के पहले कार्यकाल 2004 से 2009 के दौरान मीरा कुमार सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री रह चुकीं हैं

राष्ट्रपति चुनावः रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार 
राष्ट्रपति चुनाव के लिए दोनों ही गठबंधन दलों ने दलित नेता का चेहरा बनाया है. दोनों नेता शिक्षा के लिहाज से काबिल व्यक्ति हैं. लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है. मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं. असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठ‍ित कॉलेज से पढ़ाई की है. वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं.

दूसरी तरफ, कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए. उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया. उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है. दोनों ने वकालत की पढ़ाई की है. कोविंद का चयन भी प्रशासनिक सेवा के लिए हो चुका था, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की जगह वकालत करना पसंद किया. मीरा कुमार 72 साल की हैं, जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं.

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