नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा. 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख होगी. अब तक ये साफ नहीं पाया है कि राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी का कौन उम्मीदवार होगा और विपक्ष किस चेहरे पर दांव खेलेगी. हालांकि कुछ ऐसे चेहरे हैं जिनके नाम पर चर्चा चल रही है.
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Presidential Election 2022: देश को नया राष्ट्रपति 21 जुलाई को मिल जाएगा. 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है. नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा. 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख होगी. अब तक ये साफ नहीं पाया है कि राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी का कौन उम्मीदवार होगा और विपक्ष किस चेहरे पर दांव खेलेगी. हालांकि कुछ ऐसे चेहरे हैं जिनके नाम पर चर्चा चल रही है.
मौजूदा स्थिति को देखते हुए बीजेपी का पलड़ा राष्ट्रपति चुनाव में भारी माना जा रहा है. बीजेपी की ओर से बात की जाए तो राष्ट्रपति पद के लिए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu), राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन (तेलंगाना), जगदीश मुखी (असम), अनुसुइया उइके (छत्तीसगढ़), आरिफ मोहम्मद खान (केरल) और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम पर चर्चा चल रही है.
मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की संभावना मजबूत बताई जा रही है. आंध्र प्रदेश से आने वाले वेंकैया नायडू पहली बार 1983 में विधायक बने थे. उसके बाद 1998 में पार्टी ने उन्हें कर्नाटक से राज्यसभा का सदस्य बनाया. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार और फिर नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. वह 2017 से देश के उपराष्ट्रपति हैं.
बीजेपी की ओर से दूसरे मजबूत प्रत्याशी केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान हो सकते हैं. वे विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार की नीतियों के मुखर समर्थक रहे हैं. वह 1972-23 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर कानपुर और बहराइच से लोकसभा सांसद बन चुके हैं. 1986 में शाह बानो पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करने के राजीव गांधी के फैसले के विरोध में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.मौजूदा वक्त में वह केरल के राज्यपाल हैं.
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मुस्लिम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की अफवाहें बीजेपी प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद के बारे में टिप्पणियों से उत्पन्न विवाद के बाद चल रही है. मंगलवार कोआरिफ मोहम्मद खान ने कतर की सार्वजनिक माफी की मांग को महत्वपूर्ण नहीं बताते हुए खारिज कर दिया था.
लंबे समय से ये अटकलें है कि बीजेपी इस बार जनजातीय समुदाय से किसी व्यक्ति को या फिर किसी महिला को अपना उम्मीदवार बना सकती है. वैसे भी बीजपी का शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों के चयन के मामले में परंपरा के विपरित भी फैसले लेता रहा है. हो सकता है कि वह कोविंद को ही पुन: इस पद के लिए आगे कर दें लेकिन दस्तूर यह भी रहा है कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को छोड़कर किसी भी राष्ट्रपति का दो कार्यकाल नहीं रहा है. बीजेपी सूत्रों ने कहा कि उसके वरिष्ठ नेता विपक्ष सहित सभी दलों से संपर्क करेंगे ताकि शीर्ष संवैधानिक पद के लिए आम सहमति बन सके.
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विपक्ष की बात करें तो सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लिए गुलाम नबी आज़ाद के नाम पर पार्टी के प्लेटफॉर्म पर चर्चा हो भी चुकी है. पार्टी के नेताओं का मानना है कि गुलाम नबी आज़ाद के नाम पर विपक्षी दलों में आम सहमति बनाना आसान होगा, क्योंकि आज़ाद लंबे समय तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चूके हैं और उनके विपक्षी नेताओं से अच्छे संबंध भी हैं, लेकिन अभी ये नाम फाइनल नहीं हुआ है.
अगर कांग्रेस के नाम पर विपक्षी दलों में सहमति नहीं बनती है तो TMC से भी विपक्षी उम्मीदवार का नाम आ सकता है. अगर उस नाम पर बाकी विपक्षी दलों की सहमति बनती है तो कांग्रेस पार्टी भी उसका समर्थन कर सकती है. कांग्रेस पार्टी को ऐसा लगता है कि ऐसी स्थिती में विपक्ष मजबूती से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेगा.
कांग्रेस के एक सीनियर नेता का दावा है कि NDA के पास 48.5 % वोट है जबकि गैर NDA दलों के वोट की संख्या 51.5% है.सिर्फ़ UPA के दलों का वोट करीब 24 से 25 फ़ीसदी के करीब है और सभी विपक्षी दलों को मिला लें तो ये भी क़रीब 47% के करीब पहुंचता है.
कांग्रेस के नेता के मुताबिक़ सबकुछ BJD और YSR Congress के रुख पर निर्भर करेगा, क्योंकि इन दोनों दलों का वोट क़रीब 4% है, जोकि अगर पूरे विपक्षी दलों के एक साथ रह जाएगा तो उनकी जीत हो सकती है और अगर वो वोट NDA को मिल जाएगा तो उसके उम्मीदवार की जीत तय है. वैसे कांग्रेस के नेताओं को BJD और YSR से समर्थन की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि इन दोनों के नेताओं ने हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. अब ऐसे में कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों से बात करके एक ऐसे उम्मीदवार को उतारना चाहती है, जिसके नाम पर एक राय हो और जो सत्तापक्ष के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर से सके.
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इन नामों की भी चर्चा
राष्ट्रपति कौन होना चाहिए, इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरु हो गई. इन चर्चाओं, विशेषकर सोशल मीडिया में उम्मीदवार के रूप में जिन नेताओं या हस्तियों के नाम की चर्चा सबसे अधिक है उनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से लेकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तक शामिल हैं.
ट्विटर पर कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली दो बार की विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं और झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके तो कुछ ने रतन टाटा और कुछ ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के नाम भी सुझाए हैं.