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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एक उच्चस्तरीय बैठक में देशभर में कोविड-19 (Corona) की वर्तमान स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) की समीक्षा की. इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे.
भारत में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 93,249 नए मामले सामने आए जो इस साल एक दिन में आए कोविड-19 के सर्वाधिक मामले हैं. इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,85,509 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार 19 सितंबर के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सामने आए ये सबसे अधिक मामले हैं. 19 सितंबर को कोविड-19 के 93,337 मामले आए थे. आंकड़ों के मुताबिक रविवार को महामारी से 513 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,64,623 हो गई है.
वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन अभियान जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक देश में कुल 7,59,79,651 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा चुकी है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक भारत में कल (शनिवार) तक कोरोना वायरस (Coronavirus) के लिए कुल 24,81,25,908 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11,66,716 सैंपल कल टेस्ट किए गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई थी और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए ‘तीव्र एवं निर्णायक’ कदम उठाने का आह्वान किया. पिछले महीने प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल मीटिंग की थी और कहा था कि अगर इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोका जाएगा तो देशव्यापी संक्रमण की स्थिति बन सकती है.
सरकार को वैक्सीनेशन ड्राइव में गड़बड़ी की भी शिकायत मिली हैं. हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणियों में फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराए जाने की खबरें सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से इनके नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कुछ अयोग्य लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में पंजीकृत किया जा रहा है और निर्धारित दिशानिर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए टीकाकरण किया जा रहा है.
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