17 अगस्त को भूटान जाएंगे PM मोदी, डोकलाम विवाद के बाद होगी पहली यात्रा
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17 अगस्त को भूटान जाएंगे PM मोदी, डोकलाम विवाद के बाद होगी पहली यात्रा

पिछले साल जून में चीन के सैनिकों ने डोकलाम इलाके में सड़क बनाने का काम शुरू किया था. लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था. जिसके बाद सैन्य गतिरोध की स्थिति बन गई थी. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 से 18 अगस्त तक भूटान के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे. भूटान भारत का रणनीतिक सहयोगी रहा है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को और विस्तारित करना होगा. डोकलाम विवाद के बाद पीएम मोदी की पहली भूटान यात्रा होगी. डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच लंबे समय तक गतिरोध बना हुआ था. भूटान के डोकलाम क्षेत्र को चीन अपना हिस्सा मानता है. दोनों देशों के अधिकारियों के बातचीत के बाद जारी गतिरोध को रोका गया था.

जल विद्युत क्षेत्र में सहयोग पर जोर 
इससे पहले पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान गए थे. जयशंकर ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भूटान के प्रधानमंत्री लोताय त्सेरिंग सहित शीर्ष भूटानी नेतृत्व से मुलाकात की थी. उन्होंने जल विद्युत क्षेत्र में सहयोग पर जोर देने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तौर तरीकों पर चर्चा की थी.

पीएम मोदी की पहली विदेश यात्रा
2014 में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार भूटान की यात्रा की थी. उस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने भूटानी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. इस यात्रा के दौरान उन्होंने 600 मेगावाट की खोलोंगचू जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी और भारत सरकार की सहायता से निर्मित सर्वोच्च न्यायालय भवन का उद्घाटन किया था.

वहीं भूटान के प्रधानमंत्री लोताय त्सेरिंग  भी नवंबर-2018 में सरकार बनाने के बाद अपनी पहली यात्रा भारत में ही की थी. इसी के साथ उन्होंने मई में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया था. भारत भूटान के जल विद्युत के मुख्य खरीदारों में से एक है.

क्या है डोकलाम विवाद
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है.

चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.  इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. इसी बात को लेकर दोनों देशों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था.

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