प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कच्छ में कई विकास योजनाओं का भी शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने कहा कि भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया. कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है. आज कच्छ की पहचान बदल गई है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कच्छ में कई विकास योजनाओं का भी शिलान्यास किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे. आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? गुजरात में खेती के परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है। फसलों की विविधता पर फोकस किया गया. कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गए. सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है.
पीएम मोदी ने कहा, 'आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है. सोचिए, हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क. जितना बड़ा सिंगापुर व बेहरीन देश है, उतना बड़ा कच्छ में हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क होने वाला है. एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है. कनेक्टिविटी नहीं है. चुनौती का एक प्रकार से ये दूसरा नाम था. आज स्थिति ऐसी है कि लोग सिफारिश करते हैं कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए. भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया. कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है. आज कच्छ की पहचान बदल गई है.'
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