Prithviraj Trailer Out: जब पृथ्‍वीराज चौहान ने कहा- 'धर्म के लिए ही जीया हूं और धर्म के लिए ही मरूंगा'
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Prithviraj Trailer Out: जब पृथ्‍वीराज चौहान ने कहा- 'धर्म के लिए ही जीया हूं और धर्म के लिए ही मरूंगा'

Prithviraj Trailer Out: पृथ्वीराज चौहान की यशगाथा हर कोई सुनता आया है, लेकिन अब इसे बड़े पर्दे पर उतारा जा रहा है और बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) पृथ्वीराज चौहान की भूमिका में नजर आएंगे.

Prithviraj Trailer Out: जब पृथ्‍वीराज चौहान ने कहा- 'धर्म के लिए ही जीया हूं और धर्म के लिए ही मरूंगा'

Real Story of Rajput Warrior Prithviraj Chauhan: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'पृथ्वीराज' का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. फिल्म में पृथ्वीराज चौहान की यशगाथा को दिखाया गया है, जो 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. फिल्म आने से पहले ही हम आपको पृथ्वीराज चौहान की 816 साल पुरानी कहानी बता रहे हैं, जब उन्होंने आंख नहीं होने के बावजूद मोहम्मद गोरी को मार गिराया था.

साल 1166 में हुआ था पृथ्वीराज चौहान का जन्म

पृथ्वीराज चौहान का जन्म साल 1166 में अजमेर के राजा सोमेश्वर चौहान के यहां हुआ था और उनको लेकर कई कहानिया प्रचलित हैं. पृथ्वी राज चौहान की मां कर्पूरी देवी दिल्ली के राजा अनंगपाल द्वितीय की इकलौती बेटी थीं. पृथ्वीराज चौहान की वीरगाथाएं हर कोई सुनता आया है और इसे बड़े पर्दे पर उतारा जा रहा है, जिसमें कई दमदार डायलॉग हैं. हमेशा धर्म के लिए जीने वाले पृथ्वीराज चौहान के ट्रेलर में भी अक्षय कुमार कहते हैं- 'धर्म के लिए जिया हूं और धर्म के लिए मरूंगा.'

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पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी के बीच संघर्ष

पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी के बीच संघर्ष काफी लंबा था. उन्होंने 1186 से 1191 के दौरान मोहम्मद गोरी को कई बार पराजित किया था, लेकिन दो अहम युद्धों का जिक्र कई जगहों पर है. पहला युद्ध साल 1191 में हुआ था, जब पृथ्वीाराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हरा दिया, लेकिन रहम दिखाते हुए उसे छोड़ दिया. वहीं दूसरा युद्ध साल 1192 में हुआ, जब मोहम्मद गोरी जीत गया और पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया. इसके बाद उसने गर्म लोहे के सरिए से उनकी आंखें फोड़ दी और कैद में डाल दिया.

पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को कैसे मारा?

पृथ्वीराज चौहान की कहानी में उनके दोस्त चंदबरदाई का अहम किरदार है, जिन्होंने 'पृथ्वीराज रासो' लिखा है. बताया जाता है कि चंदबरदाई ने मोहम्मद गोरी को पृथ्वीराज का शब्दबेधी कौशल देखने के लिए मनाया था. इसके बाद चंदरबरदाई ने एक दोहे से उन्हें इस बात का आभास दे दिया कि मोहम्मद गोरी कहां बैठा है. वह दोहा है, 'चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता उपर सुलतान है मत चूके चौहान.' इसके बाद पृथ्वीराज चौहान ने नेत्रहीन होने के बावजूद तीर चलाकर मोहम्मद गोरी को मार दिया.

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