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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की ओर से किए गए लोकलुभावन वादों पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है. प्रियंका गांधी के सियासी वादों पर उन्हीं की पार्टी के दो नेताओं ने कहा है कि यह वादे सिर्फ यूपी चुनावों को ध्यान में रखकर किए गए हैं. उन्होंने इस बात की संभावना से इंकार किया कि इन घोषणाओं को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ऐसी संभावनाओं को सिरे से खारिज किया. दरअसल प्रियंका गांधी के सियासी वायदों से कई नेताओं की अपनी कुर्सी जाने का डर सताने लगा था. क्योंकि अगर पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर चुनावों में महिलाओं के लिए 40% आरक्षण की घोषणा करती है तो कई नेताओं की सालों की मेहनत पर पानी फिर सकता है.
आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भारी उलटफेर के इरादे से महिला कार्ड खेला था. प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए 2022 में होने वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर सूबे की सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को 40 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी को फिर से पुनर्जीवित करने में जुटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गोरखपुर में एक रैली के दौरान महिला वोटरों को रिझाने के लिए कई लोकलुभावन घोषणाएं की थीं. प्रियंका गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 40% महिलाओं को टिकट देकर महिला सशक्तिकरण को अमली जामा पहनाने जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो सूबे की सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को 40% आरक्षण दिया जाएगा. उन्होंने महिलाओं को साल में तीन एलपीजी सिलेंडर फ्री देने, सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त में यात्रा की सुविधा देने, छात्राओं को स्कूटी और स्मार्ट फोन देने की भी घोषणा की.
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि अगर साल 2022 विधानसभा में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 10000 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा. गौरतलब है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और समाज सेवा से जुड़ीं आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समाज में अच्छी पकड़ मानी जाती है. ये तबका समाज में ओपिनियन लीडर की तरह भी काम करता है. इसके अलावा विधवा पेंशन की राशि बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह करने का भी वादा किया गया था. इसी तरह बच्चों को कुशल बनाने के लिए पूरे सूबे में 75 वोकेशनल स्कूल स्थापित करने का भी वादा किया गया था.