सर्दियों में लगातार हो रहा है घुटने में दर्द, तो हो जाए सावधान...बढ़ सकती है परेशानी
Advertisement
trendingNow1494325

सर्दियों में लगातार हो रहा है घुटने में दर्द, तो हो जाए सावधान...बढ़ सकती है परेशानी

डॉक्टर के मुताबिक, लोग सर्दियों में आलसी हो जाते हैं. इससे घुटने प्रभावित हो सकते हैं और अगर आपका पहले से गठिया का उपचार चल रहा है तो उस हालत में दर्द बढ़ सकता है. 

अक्सर इसे आयु सम्बंधी क्षति या मौसमी बदलाव समझा जाता है. (फाइल फोटो)
अक्सर इसे आयु सम्बंधी क्षति या मौसमी बदलाव समझा जाता है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

हवा में चुभन का यह मौसम बुजुर्गों और गठिया के रोगियों की परेशानी बढ़ा देता है. इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकड़न और असहजता बढ़ जाती है क्योंकि वातावरणीय दबाव के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है. इसे अक्सर आयु सम्बंधी क्षति या मौसमी बदलाव समझा जाता है, लेकिन यह गठिया के लक्षण हो सकते हैं. 

दिल्ली स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक्स विभाग के निदेशक डॉ. धनंजय गुप्ता के अनुसार, लोग सर्दियों में आलसी हो जाते हैं. इससे घुटने प्रभावित हो सकते हैं और अगर आपका पहले से गठिया का उपचार चल रहा है तो उस हालत में दर्द बढ़ सकता है. अगर दर्द बहुत तेज है और घुटने का गठिया पुराना हो चुका है, तो टोटल नी रिप्लेसमेन्ट (टीकेआर) पर विचार किया जा सकता है.

डॉ. गुप्ता ने कहा कि जब दवा और ऑर्थोस्कोपिक उपचार से रोगी को राहत नहीं मिलती है, तब टीकेआर की सलाह दी जाती है. गंभीर रूप से विकृत घुटनों के लिए यह अंतिम विकल्प है और सबसे सुरक्षित ऑर्थोपेडिक प्रोसीजर में से एक है. मजबूत इंप्लांट से रोगग्रस्त नी कैप को बदलने से दर्द दूर होता है, घुटने की कार्यात्मकता वापस आ जाती है और रोगी के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है. प्रोसीजर के बाद सही फिजियोथेरैपी करने से रोगी छह सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाता है.

सावधानियों के बारे में बताते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि कभी-कभी ऐसे रोगियों को भी सर्दी के दौरान दर्द होता है, जो चिकित्सकीय सलाह ले चुके हैं या घुटने की सर्जरी करवा चुके हैं. डॉक्टर के पास जाकर आप लक्षणों को बेहतर तरीके से समझेंगे. विशेषज्ञ आपकी मेडिकल प्रोफाइल का विश्लेषण करेंगे और उसके अनुसार सावधानी बताएंगे, जैसे व्यायाम, फिजियोथेरैपी, सही आहार, पूरक, आदि, ताकि सर्दियों के दौरान हड्डियां मजबूत रहें.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सक्रिय जीवनशैली अपनाकर जोड़ों के दर्द को दूर रखा जा सकता है, विशेषकर गठिया के रोगियों के लिए. घर के बाहर ठंडी हवा को व्यायाम में बाधा मत बनने दीजिए. काम करते हुए या घर में रहते हुए छोटे ब्रेक लेकर चलते भी रहिए, ताकि आपका वजन नियंत्रण में रहे. जोड़ों के लिए विटामिन डी सबसे अच्छा है. जितना हो सके, धूप में रहें. अपने भोजन में पोषक तत्वों और विटामिन से प्रचुर आहार शामिल करें, जैसे संतरा, पालक, फूलगोभी, डेयरी उत्पाद और सूखे मेवे." 

डॉ. गुप्ता ने कहा कि घुटनों के जोड़ में किसी अन्य जोड़ की तुलना में सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है, इसलिए भारी-भरकम स्वेटर या कार्डिगन जिससे आपके शरीर का वजन बढ़ जाता है, इन्हें पहनने के बजाये हलके गर्म कपड़े पहनें. जोड़ों का मूवमेंट अपने पेरिफेरल एरियाज में रक्त संचार को बढ़ाता है और इससे अकड़न कम होती है. इसलिए अपने कंबल से बाहर निकलिए और थोड़ी सी स्ट्रेचिंग एवं चहलकदमी कीजिए.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;