संसद से पारित कृषि कानूनों (Agricultural law) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज सातवां दिन है. पहले दौर की वार्ता नाकाम रहने के बाद सरकार गुरुवार को एक बार फिर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करने जा रही है.
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नई दिल्ली: संसद से पारित कृषि कानूनों (Agricultural law) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज सातवां दिन है. पहले दौर की वार्ता नाकाम रहने के बाद सरकार गुरुवार को एक बार फिर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करने जा रही है. इससे पहले किसान संगठनों ने आज सिंघु बॉर्डर पर बैठकर संयुक्त रणनीति बनाने का फैसला किया है.
कल होने वाली वार्ता के लिए किसान आज बनाएंगे रणनीति
सूत्रों के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर आज होने वाली संयुक्त बैठक में किसान संगठन मंगलवार को सरकार के साथ हुई बातचीत के नतीजों पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही 3 दिसंबर को होने वाली बैठक के लिए भी किसान संगठनों की संयुक्त रणनीति तैयार की जाएगी. इस बैठक में किसान आंदोलन (Farmers Protest) का हल निकलने की उम्मीद जताई जा रही है.
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ रही है किसानों की संख्या
उधर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे यूपी के किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नही होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि वे 6 महीने का राशन ले कर आए हैं और MSP को लिखित रूप में न देने तक वे पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मी दिखाने के बजाय किसानों के साथ सहानुभूति से पेश आए.
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'किसानों को बेवकूफ बना रही है सरकार'
किसान नेता गौरव ने कहा कि,'केंद्र सरकार सुझाव मांग रही है. 3 दिसम्बर को किसान सभा है . यूपी गेट पर सभा होगी. लेकिन हम बुराड़ी नहीं जाएंगे'. सीतापुर जिले से आए किसान चरजीत सिंह ने कहा, मोदी ने काला कानून बनाया है. इस काले कानून को वापस लेने तक यहीं रहेंगे. सरकार मीटिंग में कोई फैसला नहीं दे रही है. कानून अच्छा है, ऐसा बताया जाता है. किसान बेवकूफ है क्या जो यहां आया है. MSP कहां है बताए'.
'मोदी सरकार अंग्रेजों से भी आगे निकल गई है'
गाजीपुर बॉर्डर पर ही धरने में बैठे एक बुजुर्ग किसान ने कहा, ' ये सरकार अंग्रेजों से भी आगे निकल गई है. हम अपनी मांग पूरी करवाकर ही जाएंगे'. धरने में शामिल एक अन्य किसान ने आरोप लगाया कि,'ये अडानी की जेब में बैठे हैं. हम मांग पूरी होने तक 26 जनवरी तक यहीं डटे रहेंगे'.
शाहजहांपुर जिले से भी किसान धरने में पहुंचे
गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने में यूपी के शाहजहांपुर जिले से भी काफी संख्या में किसान पहुंचे हैं. इनमें एक किसान मंजीत सिंह गले मे जंजीर पहन कर पहुंचे हैं. उनका कहना है कि,'पहले अंग्रेजों ने जंजीरों में जकड़ा था, अब सरकार गुलाम बनाना चाहती है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा'. किसान करतार सिंह कहते हैं, पांच सदस्यीय कमेटी का मतलब नहीं है. सरकार किसानो के बीच आकर बात करे'.
प्रदर्शनकारी किसानों में महिलाएं भी शामिल
शाहजहांपुर से आए किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. इनमें एक महिला की उम्र करीब 70 साल के आसपास है. महिलाओं ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि, 'हमें संसद तक पहुंचने से ये सरकार तो क्या, पुलिस भी नहीं रोक सकती है'.
किसानों और पुलिस के बीच अनोखी पोस्टर वार भी जारी
पुलिस और किसानों के बीच अनोखी पोस्टर वार भी जारी है. दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करके बैनर टांग रखा है. जिस पर लिखा है कि बैरिकेडिंग से आगे धारा-144 लागू है. जिसे तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. वहीं बैरिकेडिंग के दूसरी ओर किसानों ने भी बैनर टांग दिया है, जिस पर लिखा है कि यहां पर धारा-288 लागू है और यहां पर किसानों के अलावा बाकी लोगों का आना मना है.
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भानु गुट ने नोएडा के सेक्टर-14ए पर प्रदर्शन शुरू किया
बता दें कि दिल्ली को नोएडा से जोडने वाले सेक्टर14ए एंट्री पाइंट पर आज से भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने भी प्रदर्शन (Farmers Protest) शुरू कर दिया है. इसके चलते नोएडा पुलिस ने ऐहतियात इस एंट्री पाइंट को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया है.
इन रास्तों से दिल्ली-नोएडा में कर सकते हैं आवागमन
दिल्ली से नोएडा जाने वाले वाहन मयूर विहार, चिल्ला गांव धर्मशिला अस्पताल होते हुए नोएडा आ-जा सकते है. ये वाहन अशोक नगर होते हुए नोएडा आ जा- सकते है. नोएडा से दिल्ली आने-जाने वाला कालिंदीकुंज रोड़ पूरी तरह खुला हुआ है. वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने नीचे की रोड़ बंद कर रखी है. लेकिन वाहन फ्लाईओवर के ऊपर से एनएच-24 पर आ जा सकते हैं.
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