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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार जल्द ही पंपों पर पेट्रोल-डीजल भरने के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य करेगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह नीति हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन को किस तरह दिल्ली में चलने से रोका जाए और यहां लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें. बता दें इस ड्राफ्ट को जनता की राय के लिए रखा जा रहा है और अधिसूचित होने से पहले समीक्षा की जा रही है.
दिल्ली में वाहन मालिकों को अपना पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा. यदि PUC अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर फिर से जारी करवाना होगा. दिल्ली के खराब वायु गुणवत्ता (AQI) स्तर को देखते हुए इस कदम से सड़कों पर गैर-प्रदूषणकारी वाहन देखने को मिलेंगे.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है. इस नीति के लागू होने के बाद वाहनों को पंपों पर पेट्रोल-डीजल भरवाते समय पीयूसी प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा. इस प्रकार, राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चैक किया जाएगा.
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प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC), वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत PUC केंद्रों के माध्यम से जारी किया जाता है. दिल्ली में 10 जोन में लगभग 966 ऐसे केंद्र है. यह वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रदूषण स्तर परीक्षण निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि PUC केंद्रों द्वारा सही प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं.
दिल्ली सरकार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी आधारित पद्धतियां स्थापित करने पर भी काम कर रही है, ताकि पीयूसी प्रमाण पत्र की जांच के संबंध में वाहन मालिकों के साथ-साथ पेट्रोल पंप मालिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और लंबी कतारें न लगें. इन विधियों में RFID जैसी तकनीक भी शामिल हो सकती है.
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