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चंडीगढ़: मेडिकल के अलावा किसी अन्य कारण से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की पहली खुराक भी लेने में विफल रहने वाले पंजाब सरकार (Punjab Govt) के कर्मचारियों को 15 सितंबर के बाद अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेज दिया जाएगा.
इस कड़े कदम की घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने राज्य के लोगों को महामारी से बचाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि जिन लोगों को टीका लगाया गया है, उन्हें किसी और के आनाकानी की कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी. वर्चुअल कोविड-19 समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्लेषण किए जा रहे आंकड़ों से वैक्सीन की प्रभावशीलता स्पष्ट है. सरकारी कर्मचारियों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास किए गए और जो लोग टीकाकरण से बचना जारी रखते हैं, उन्हें अब पहली खुराक मिलने तक छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाएगा.
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स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने पहले बताया कि वर्तमान में केवल पूरी तरह से टीकाकरण वाले स्टाफ सदस्यों को ही स्कूलों में आने की अनुमति है. स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने सुझाव दिया कि स्कूल के कर्मचारियों के लिए दूसरी खुराक के अंतर को कम करके 28 दिन कर दिया जाए, लेकिन मुख्य सचिव विनी महाजन ने बैठक में बताया कि केंद्र ने राज्य के अनुरोध को खारिज कर दिया है. मुख्यमंत्री ने संतोष के साथ कहा कि आक्रामक परीक्षण के साथ, स्कूलों में स्थिति नियंत्रण में रही है. मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य को आपूर्ति किए गए वैक्सीन स्टॉक का बिना किसी वेस्टेज के उपयोग किया गया है.
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