Punjab Politics: BJP में अभी शामिल नहीं होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, ये पेंच है बड़ी वजह
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Punjab Politics: BJP में अभी शामिल नहीं होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, ये पेंच है बड़ी वजह

कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कांग्रेस (Congress) छोड़ दी है. इसके बावजूद उनके बीजेपी (BJP) में जाने पर अब भी असमंजस है. इसके पीछे की कई वजह सामने आई हैं. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के कांग्रेस (Congress) छोड़ने के ऐलान के बाद उनके बीजेपी (BJP) के और करीब आने की अटकलें तेज हो गई है. हालांकि कैप्टन अमरिंदर के बीजेपी में शामिल होने या हाथ मिलाने के बीच कुछ तकनीकी और सियासी मसले आड़े आ रहे हैं.

  1. अपने धड़ों को एकजुट कर सकती है कांग्रेस
  2. कैप्टन-बीजेपी के मिलने से दोनों को फायदा
  3. कांग्रेस के दूसरे नेता भी आ सकते हैं बीजेपी में

तकनीकी रूप से विचार करें तो कैप्टन के अभी बीजेपी में जाने से दोनों में से किसी को फ़ायदा नहीं होने वाला है. इसके उलट इससे कैप्टन को ही नुकसान हो सकता है. 

अपने धड़ों को एकजुट कर सकती है कांग्रेस

इससे कृषि कानूनों के कारण पंजाब में किसानों की बीजेपी (BJP) से नाराजगी का सारा बोझ कैप्टन (Captain Amarinder Singh) को भी ढोना पड़ेगा. इसके साथ ही कांग्रेस (Congress) अपने सभी धड़ों को एकजुट कर सकती है. वह ये कह सकती है कि कैप्टन अमरिंदर किसान विरोधी दल से मिल गए हैं. ऐसे में उसके पास सत्ता में वापसी करने का एक अच्छा मौका होगा. खुद को दोबारा सत्ता में आते देख वहां के कांग्रेसी नेता भी अपने मतभेद भुला सकते हैं.

हालांकि इस मामले में एक और बिंदु भी है. अगर कैप्टन अमरिंदर (Captain Amarinder Singh) के सहयोग से बीजेपी किसान आंदोलन का कोई हल निकलवाने में कामयाब हो जाए तो उससे दोनों का फायदा हो सकता है. ऐसे में कैप्टन अमरिंदर बीजेपी (BJP) में शामिल हो भी गए तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा. 

कैप्टन-बीजेपी के मिलने से दोनों को फायदा

अगर कैप्टन अमरिंदर MSP को लेकर केंद्र सरकार से किसानों के फेवर में कोई उचित फैसला करवा लेते हैं तो इससे बीजेपी (BJP) को पंजाब- हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान विरोध से भी निजात मिल जाएगी. इससे यूपी असेंबली चुनाव में जाटों के वोट मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी. 

ऐसी स्थिति में अमरिंदर (Captain Amarinder Singh) को भी दोहरा फायदा हो सकता है. वे पंजाब में आंदोलनकारी किसानों के बीच सबसे बड़े नेता बन जाएंगे. इसके साथ ही अपनी लोकप्रियता और किसानों के बीच पैठ के दम पर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब के सीएम पद से दूर रखने का सपना भी पूरा कर सकते हैं. 

कांग्रेस के दूसरे नेता भी आ सकते हैं बीजेपी में

सूत्रों के अनुसार नए कृषि कानूनों पर कैप्टन अमरिंदर के फॉर्मूले पर अगर सरकार में सहमति बन जाती है तो फिर उनके साथ ही कांग्रेस (Congress) के दूसरे नेता भी बीजेपी के पाले में आ सकते हैं. ऐसा करने से उन्हें नई पार्टी बनाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. ऐसा होने के साथ ही वे पंजाब के असेंबली चुनाव में एक तरीके से बीजेपी के कप्तान बन जाएंगे. 

बीजेपी (BJP) के कई नेताओं का मानना है कि कैप्टन अमरिंदर (Captain Amarinder Singh) के आने से पार्टी को एक और राष्ट्रवादी नेता मिल जाएगा, जो किसानों में भी लोकप्रिय होगा. यही नहीं अगर बीजेपी और कैप्टन की जुगलबंदी चली तो वे बीजेपी को पंजाब में चौथे नंबर से उठाकर पहले नंबर की पार्टी बनवाने में भी मदद कर सकते हैं. 

कैप्टन एक राष्ट्रवादी नेता- बीजेपी

उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह एक राष्ट्रवादी नेता हैं. उनके राष्ट्रवाद पर किसी को शक नहीं है. कनाडा से आए एक खालिस्तान समर्थक मंत्री से मिलने से उन्होंने मना कर दिया था. उनका किसानों के साथ रिश्ता अच्छा है. वे आंदोलन का हल निकलवाने के लिए कुछ कर सकते हैं तो ये अच्छी बात है. 

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आर पी सिंह ने कहा कि वे नवजोत सिंह सिद्धू पर इसलिए सवाल उठा रहे हैं क्योंकि वे पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा के दोस्त हैं. वहीं सिद्दू के कैप्टन न तो अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) हैं और न ही राहुल गांधी. उनका कैप्टन केवल इमरान खान है. सच पूछा जाए तो कांग्रेस इस वक्त ऐसी पार्टी बन गई, जहां पर देशद्रोही इकट्ठे हो रहे हैं. ऐसे हालात में कोई भी राष्ट्रवादी व्यक्ति कांग्रेस में नही रह सकता है.

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