Raghav Chadha: राघव चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं. यह भी कहा जाता है कि राघव चड्ढा ही आम आदमी पार्टी के भविष्य हैं. इसी कड़ी में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में राघव चड्ढा को बड़ी जिम्मेदारी दे दी है.
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AAP Leader In Rajya Sabha: आम आदमी पार्टी में राघव चड्ढा के रुतबे से हर कोई वाकिफ है. समय-समय पर वे पार्टी के बड़े निर्णयों में शामिल रहे हैं. यहां तक कि पंजाब में उन्हें सुपर सीएम के तौर पर भी देखा जाता है. वे भगवंत मान के बराबर की हैसियत रखने के लिए जाने जाते हैं. यहां तक कि कई बार एक्सपर्ट्स यह भी कहते नजर आते हैं कि राघव चड्ढा ही आम आदमी पार्टी के भविष्य हैं. इसी कड़ी में अरविंद केजरीवाल ने एक और बड़ी जिम्मेदारी उनके हवाले कर दी है. राघव चड्ढा को संजय सिंह के स्थान पर राज्यसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया गया है. राज्यसभा सभापति को लिखे पत्र में आप पार्टी के नेतृत्व ने कहा है कि संजय सिंह की अनुपस्थिति में, जिन्हें ‘स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं’ हैं, राघव चड्ढा अब से उच्च सदन में पार्टी के नेता होंगे. आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह दिल्ली शराब नीति मामले में फिलहाल जेल में हैं.
उच्च सदन में आप के कुल 10 सदस्य
दरअसल, राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि चड्ढा को सदन का नेता नियुक्त करने के संबंध में आप की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ है. कार्यान्वयन के लिए पत्र राज्यसभा महासचिव के पास है. चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं. वर्तमान में उच्च सदन में आप के कुल 10 सदस्य हैं. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद सदस्यों की संख्या के हिसाब से आप चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. यह संयोग की है कि अभी हाल ही में राघव चड्ढा की संसद की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था. काफी बवाल के बाद आखिरकार उनका निलंबन समाप्त किया गया. अपना निलंबन समाप्त होने के बाद राघव चड्ढा ने लोगों का धन्यवाद जताया था.
115 दिन का निलंबन रद्द
राघव चड्ढा ने कहा था कि 115 दिनों तक मैं लोगों की आवाज संसद में नहीं रख सका. 11 अगस्त को मुझे राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. मैं अपने निलंबन को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गया. न्याय के मंदिर में जाकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी. चड्ढा को 11 अगस्त 2023 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था और वो 115 दिन का निलंबन रद्द होने के बाद शीतकालीन सत्र में शामिल हुए हैं. आप सांसद पर आरोप था कि उन्होंने दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े विधेयक पर पांच सांसदों के फर्जी साइन किए. इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी
'हाथों से इशारा मत करिए'
हालांकि निलंबन वापस होने के बाद वे जब राज्यसभा में शामिल हुए तो उन्हें डांट भी पड़ गई. हुआ यह कि राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान राघव चड्ढा को डांट दिया. जगदीप धनखड़ ने कहा कि हाथों से इशारा मत करिए, ऐसे तो आप डांस करने लगेंगे. अपनी बात रखने के लिए जुबान का इस्तेमाल करिए. अपनी सीट पर बैठ जाइए, ये आपके लिए सीखने का वक्त है. यह सब तब हुआ जब राघव चड्ढा विपक्षी सांसदों के हंगामें के साथ शामिल हो गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान सांसद राघव चड्ढा इशारे करने लगे थे. फिलहाल राघव चड्ढा की इस नियुक्ति के बाद क्या आप पार्टी ने ऐसे संकेत दिए हैं कि संजय सिंह की वापसी हाल फिलहाल में मुश्किल होगी.