सत्तापलट से पहले खालिदा जिया के बेटे से मिले राहुल गांधी? बांग्लादेश में बवाल के बीच क्यों उठा ये सवाल
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सत्तापलट से पहले खालिदा जिया के बेटे से मिले राहुल गांधी? बांग्लादेश में बवाल के बीच क्यों उठा ये सवाल

Bangladesh News: बीजेपी ने बांग्लादेश के एक पत्रकार के हवाले से इस बात को लेकर कांग्रेस की आलोचना की है. बीजेपी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि पिछले महीने लंदन में राहुल गांधी और खालिदा जिया के बेटे की मुलाकात हुई थी. उन्होंने कांग्रेस से स्पष्टीकरण भी मांगा है. 

सत्तापलट से पहले खालिदा जिया के बेटे से मिले राहुल गांधी? बांग्लादेश में बवाल के बीच क्यों उठा ये सवाल

Rahul Gandhi Tarique Rahman: बांग्लादेश में हिंसा.. प्रदर्शन और फिर तख्तापलट, इसको लेकर पूरी दुनिया में कई समीकरण बदल रहे हैं. भारत भी इसी में शामिल है. इसी बीच भारत में राहुल गांधी को लेकर एक चर्चा है कि क्या वे अपनी लंदन यात्रा के दौरान खालिदा जिया के बेटे से मिले थे. असल में हुआ यह कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि बांग्लादेश के एक वरिष्ठ पत्रकार ने हमारे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है कि पिछले महीने लंदन में राहुल गांधी और खालिदा जिया के बेटे की मुलाकात हुई थी. सिन्हा ने यह भी कहा कि ऐसे आरोप लगे कि राहुल गांधी ने बांग्लादेश में चल रहे आंदोलन को ग्रीन सिग्नल दिया था यानी हरी झंडी दिखाई थी.

बहुत ही बड़ा और गंभीर आरोप

इसको लेकर बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस से जवाब मांगते हुए कहा कि राहुल गांधी पर लगाया गया यह बहुत ही बड़ा और गंभीर आरोप है. इस पर कांग्रेस को तुरंत जवाब देना चाहिए कि पिछले महीने 10 दिन जब राहुल गांधी भारत में नहीं थे तो क्या उस दौरान वह लंदन में थे और क्या वहां उनकी मुलाकात खालिदा जिया के बेटे से हुई थी और अगर हुई थी तो उस बैठक का एजेंडा क्या था ? तुहिन सिन्हा ने लंदन में खालिदा जिया के बेटे के साथ राहुल गांधी की मुलाकात की खबरों को गंभीर बताते हुए मांग की है कि कांग्रेस को तुरंत यह बताना चाहिए कि क्या यह मुलाकात हुई थी और अगर हुई थी तो उसका एजेंडा क्या था ?

एक प्रतिनिधिमंडल से मिले थे

इतना ही नहीं तुहिन सिन्हा ने आगे कहा कि गुरुवार, 8 अगस्त को राहुल गांधी एक प्रतिनिधिमंडल से मिले थे, जिसमें अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज शामिल थे और यही ज्यां द्रेज अगले ही दिन 9 अगस्त को फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए. यहां उनके साथ बांग्लादेश में सिविल वॉर की हमेशा से वकालत करने वाले नदीम खान भी मौजूद थे. तो क्या जब बांग्लादेश में हिंदुओं की जान खतरे में थी, उस समय 8 अगस्त को राहुल गांधी दिल्ली में अपने घर पर इन लोगों को अगले दिन के प्रोटेस्ट के बारे में गाइड कर रहे थे.

चुप्पी पर भी सवाल उठाया

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राहुल गांधी के एक पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि इस वर्ष 31 मार्च को राहुल गांधी ने कहा था कि "यदि बीजेपी सत्ता में आई तो देश में आग लग जाएगी. अब जो नए खुलासे सामने आ रहे हैं उसके बाद राहुल गांधी को एक बार फिर से अपने बयान को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके उस बयान का अर्थ क्या था ? क्या वाकई राहुल गांधी बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में चाहते थे ? कांग्रेस पार्टी की अर्बन नक्सल मानसिकता को लेकर इससे बड़ा कोई प्रमाण नहीं हो सकता. agency input

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