मुंबई (Mumbai) के सेन्ट्रल लाइन (Central Line) के वागंनी रेलवे स्टेशन के पटरियो पर गिरे एक बच्चे को बचाने की तस्वीरे सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. मयूर शेलके नाम के शख्स ने बच्चे को बचाया. मयूर शेलके रेलवे में प्वाइंट मैन (Pointman) का काम करते है.
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नई दिल्ली: मुंबई (Mumbai) के सेन्ट्रल लाइन (Central Line) के वागंनी रेलवे स्टेशन के पटरियो पर गिरे एक बच्चे को बचाने की तस्वीरे सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. मयूर शेलके नाम के शख्स ने बच्चे को बचाया. मयूर शेलके रेलवे में प्वाइंट मैन (Pointman) का काम करते है. अपनी जान पर खेलकर मुंबई लोकल ट्रेन (Local Train) के वांगनी स्टेशन पर एक बच्चे की जान बचाने वाले मयूर शेलके ने एक बार फिर से अपना बड़ा दिल दिखाया है. मयूर ने बच्चे की जान बचाने की एवज में उसे रेल विभाग की तरफ से मिल रहे 50 हजार रूपए ईनाम की रकम में आधा उस बच्चे को देने का फैसला किया है जि सकी उन्होने जान बचाई थी. मयूर का कहना है कि उन्हे मालूम हुआ है कि बच्चे की आर्थिक स्थिति काफी खराब है इसलिए वो ऐसा काम कर रहे है.
ये घटना शनिवार के दोपरह के 3.बजकर 45 मिनट के आस-पास की है जो पूरी सीसीटीवी (CCTV) में कैद हुई. जिसका बेटा गिरा वो महिला आंखों से देख नही पाती. बेटे की उम्र सिर्फ 6 साल है. मां का नाम संगीता शिरसाट है और वो ट्रेनो के अंदर सामान बेचकर अपना निर्वाह करती है. महिला का कहना है कि उसे अंदाज ना लगने के कारण बेटा पटरियो पर गिर गया. संगीत ने बेटे की जान बचाने वाले मयूर का धन्यवाद किया था और कहा था कि सरकार इन्हे कुछ इनाम दे.
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बच्चे की जान बचाने वाले मयूर का कहना है कि कुछ पलो के लिए वह भी डर गया था लेकिन फिर उसने खतरा उठाया. मयूर की माने तो सिर्फ कुछ पलो का ही फासला था जिंदगी और मौत के बीच.