हादसे के 9 साल बाद सरपंच को इंश्योरेंस कंपनी (insurance company) डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा का क्लेम देगी. हादसे के बाद सरपंच कोमा में हैं. पिछले 9 साल से उनका इलाज चल रहा है. इससे पहले कंपनी ने दस्तावेज नहीं होने की बात कहकर क्लेम देने से मना कर दिया था.
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Nagaur: हादसे के 9 साल बाद सरपंच को इंश्योरेंस कंपनी (insurance company) डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा का क्लेम देगी. हादसे के बाद सरपंच कोमा में हैं. पिछले 9 साल से उनका इलाज चल रहा है. इससे पहले कंपनी ने दस्तावेज नहीं होने की बात कहकर क्लेम देने से मना कर दिया था. मामला मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (Motor Accident Claims Tribunal) पहुंचा. यहां सुनवाई के दौरान अधिकरण ने पीड़त के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इंश्योरेंस कंपनी को 1 करोड़ 55 लाख 81 हजार 279 रुपए का मुआवजा पीड़ित के परिजनों को देने के लिए कहा है.
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पीड़ित सरपंच की पत्नी ने डीडवाना में मोटर दुर्घटना दावा अधिकारण में परिवाद प्रस्तुत किया था. इसके मुताबिक 9 साल पहले उसके पति डाबड़ा सरपंच गणेशाराम व राजपाल अल्टो कार में मौलासर की तरफ दीवाना आ रहे थे। उनके आगे-आगे ट्रक चल रहा था. ट्रक ड्राइवर ने लापरवाही पूर्वक चलाते हुए उन्हें टक्कर मार दिया। हादसे में गणेशाराम गंभीर रूप से घायल हो गए और कोमा में चले गए.
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इधर जब परिजन HDFC इंश्योरेंस कम्पनी में क्लेम के लिए गए तो कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया. उसका तर्क था कि ट्रक ड्राइवर के पास लाइसेंस, परमिट, फिटनेस और दूसरे दस्तावेज नहीं थे। इधर जब मामला कोर्ट पहुंचा तो सुनवाई में ये साबित हो गया कि हादसा ट्रक ड्राइवर की लापरवाही के चलते हुआ। जांच में भी ये भी साबित हो गया कि हादसे के समय चालक के पास ने केवल लाइसेंस था बल्कि मालिक के पास भी रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज थे. क्लेम कंपनी बिना आधार के क्लेम देने से मना किया था.