संगीत बजने वाले अनोखे चट्टान की अजमेर पुरातत्व को नहीं कद्र, पर्यटक हो रहे मायूस
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संगीत बजने वाले अनोखे चट्टान की अजमेर पुरातत्व को नहीं कद्र, पर्यटक हो रहे मायूस

नसीराबाद के निकट मोराझड़ी गांव में कुछ चट्टाने संगीत उत्पन्न करती है. ग्रामीणों ने बताया था कि इन चट्टानों को अन्य पत्थरों की सहायता से बजाने पर मधुर संगीत उत्पन्न होता और चट्टानों में संगीत निकलने की बात को लेकर पुरातत्व विभाग को इस बारे में जानकारी दी थी.

संगीत बजने वाले अनोखे चट्टान की अजमेर पुरातत्व को नहीं कद्र, पर्यटक हो रहे मायूस

Ajmer: नसीराबाद के निकट मोराझड़ी गांव में कुछ चट्टाने संगीत उत्पन्न करती है. ग्रामीणों ने बताया था कि इन चट्टानों को अन्य पत्थरों की सहायता से बजाने पर मधुर संगीत उत्पन्न होता और चट्टानों में संगीत निकलने की बात को लेकर पुरातत्व विभाग को इस बारे में जानकारी दी थी. लेकिन पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मधुर संगीत उत्पन्न करने वाली चट्टानों का अवलोकन किए बगैर ही इतिश्री कर ली.

नसीराबाद के निकट मलबे के बीच फंसी चट्टाने है जो कि वर्तमान समय में मोराझड़ी में स्थित संगीत उत्पन्न करने वाली चट्टानों के ईर्द.गिर्द कांटेदार झाडियां, खान व्यवसायियों द्वारा मलबा डालने से अतिक्रमित हो रही है. जिसमें आगामी सालो में यह अपना वजूद खो देगी. इतना ही नहीं बल्कि कुछ सालों पूर्व सडक से नजर आने वाली यह आश्चर्य जनक चट्टानें अब अतिक्रमण से ओझल हो गई है और वहां तक पहुंचना भी कष्टदायक हो चुका है.

आज भी मोराझड़ी स्थित संगीत उत्पन्न करने वाली चट्टाने प्रशासन और आमजन के लिए रहस्यमयी एवं कौतुहल बनी हुई है. जब कोई भी इन चट्टानों को बजाता है तो टन जैसी आवाज सुनाई देती है. जो सुनने में मधुर संगीत जैसी है. इन रहस्यमय चट्टानों में संगीत कैसे उत्पन्न होता है, यह कितने सालों से यहां है, इसी तरह के कई सवाल लोगों को करते हुए देखा गया है. इस संदर्भ में पुरातत्व विभाग द्वारा मोराझडी स्थित संगीत उत्पन्न करने वाली इन चट्टानों के अन्वेषण की मांग की गई है. ताकि लोगों को इन चट्टानों में संगीत उत्पन्न होने का रहस्य उजागर हो सके.

मोराझड़ी की कुछ चट्टानों में से मधुर संगीत निकलने से यह चट्टाने सुर्खियों में है और शहर सहित निकटवर्ती गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है. लेकिन वर्तमान समय में प्रशासन द्वारा किसी प्रकार के संरक्षण नहीं होने के चलते अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर लिया. अतिक्रमणकारियों ने मलबे आदि इन चट्टानों के इर्द.गिर्द डाल दिया है. जिससे यह रहस्यमयी चट्टाने अपना वजूद कायम नहीं रख पा रही है. ग्रामीणों ने जानकारी दी कि इन चट्टानों में उत्पन्न संगीत को सुननेे के लिए जब बाहर से लोग आते हैं तो उन्हें रास्ते में कंटीली झाड़ियां संकरे और कच्ची सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है.
विडंबना की पराकाष्ठा तो यह है कि चट्टानों के इर्द.गिर्द अतिक्रमण एवं मलवा होने से वहां तक पहुंच पाना असंभव प्रतीत होने लगा है. कष्टदायक मार्ग को पार करके ही संगीत उत्पन्न करने वाली इन रहस्यमयी चट्टानों तक पहुंच पाते हैं.

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