Bhilwara: रेलवे में 'भ्रष्टाचार की खुली पोल', घोटालेबाजों ने दिखाई गुंडागर्दी
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Bhilwara: रेलवे में 'भ्रष्टाचार की खुली पोल', घोटालेबाजों ने दिखाई गुंडागर्दी

रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण के लिए घटिया क्वालिटी के लोहे के खंभे लगाए गए हैं, जिससे किसी भी वक्त हादसा हो सकता है.

रेलवे में भ्रष्टाचार की पोल.

Bhilwara: सरकारें योजनाएं बनाती है. जनहित का रोडमैप तैयार करती है और पैसे खर्च किए जाते हैं लेकिन ज्यादातार पैसे बिचौलियों की कमाई का जरिया बन जाते हैं. कोटा (Kota) से चंदेरिया तक जाने वाली इस रेलवे लाइन को ही देख लीजिए. रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण के लिए घटिया क्वालिटी के लोहे के खंभे लगाए गए हैं, जिससे किसी भी वक्त हादसा हो सकता है. न मजबूत खंभे लगाए गए और न ही उनकी नींव को मजबूत करने के लिए अच्छी क्वालिटी का सीमेंट इस्तेमाल किया गया लेकिन अब जब एक रेलवे कर्मचारी ने इसकी शिकायत की तो अफसरों और ठेकेदार में हड़कंप मच गया है. 

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रेलवे में 'भ्रष्टाचार की पोल'
कोटा से चंदेरिया तक 152 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन है.
इसके विद्युतीकरण के लिए लोहे के 2500 खंभे लगाए गए हैं.
अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया निर्माण किया गया है.
खंभों में कॉपर वायर घटिया क्वालिटी के लगाए गए हैं.
कई जगह पोल जंग खाने लगे है जिससे पटरियों में करंट फैलने का डर है.
इसकी शिकायत एक कर्मचारी ने पीएमओ से की तब खुलासा हुआ.
अब इस मामले की जांच रेल मंत्रालय ने केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन मुख्यालय प्रयागराज (Central Railway Electrification Organization Headquarters Prayagraj) और आरपीएफ कोटा (RPF Kota) को दी गई है.

पिछले दिनों यहां वायर टूट गए थे, जिसकी वजह से यहां ट्रेनों को कम स्पीड करके निकाला गया था. अब इस घटिया निर्माण की जांच की जिम्मेदारी एन डब्ल्यू आर कर रहा है लेकिन वहां से इस मामले में लिप्त एक सहयोगी अधिकारी एसएससी DK शर्मा को शिकायत और की जांच की भनक लगी तो वो अब शिकायतकर्ता रेलवे कर्मचारी पवन कुमार पर दबाव बना रहा है. 

घोटालेबाजों की गुंडागर्दी
इस गड़बड़ी में लिप्त अधिकारी शिकायतकर्ता पर शिकायत वापिस लेने का दबाव बना रहे हैं.
शिकायत वापिस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
शिकायत वापिस लेने के बदले 50 लाख रुपये का लालच भी दिया गया.
शिकायतकर्ता पवन को 2 बार बिना वजह चार्जशीट भी थमा दी.

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पहली शिकायत में ही विभाग जाग गया है. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच बिठा दी है. असल में छोटे स्तर पर हुई शिकायतों पर तो कोई एक्शन भी नहीं हुआ. अब भी ये देखना होगा कि जिस तरह से इस गड़बड़ी को रोकने के लिए जिम्मेदारी अधिकारी जी जान से जुटे हैं वो इस मामले में कुछ कार्रवाई होने देंगे या लीपापोती कर दी जाएगी.

Reporter: Dilshad Khan

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