Bhilwara News: सेंटर बंद होने के कारण मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोविड सेंटर पर भर्ती सभी मरीजों को आसींद ले जाया गया.
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Bhilwara: जिले आसीन्द कस्बे के रघुनाथपुरा गांव में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है. इसे लेकर ग्रामीण और भामाशाह के सहयोग से कोविड केयर सेंटर खोला गया, जिसमें ऑक्सीजनयुक्त 25 बेड की व्यवस्था की गई थी.
रघुनाथपुरा के सरकारी स्कूल में खोले गए इस कोविड-सेंटर का निरीक्षण विधायक जब्बर सिंह सांखला व ब्लॉक सीएमएचओ डॉ प्रीतम गुप्ता ने किया था. कोविड सेंटर की भीलवाड़ा जिले में चर्चा हुई थी. साथ ही, कई पंचायत स्थर पर भी सरपंचों ने रघुनाथपुरा गांव में खोले कोविड सेंटर की तरह ही कोविड सेंटर बनाने के लिए भामाशाह व ग्रामीणों का सहयोग लेकर सेंटर खोलने की कार्य योजना बनाई, लेकिन इसमें भी आसींद क्षेत्र में राजनीति शुरू हो गई और प्रशासन पर दबाव के बाद इस सेंटर को बंद करवा दिया गया.
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दरअसल, आसींद विधानसभा के रघुनाथपुरा गांव के ग्रामीणों ने ऑक्सीजन-बेड की कमी से किसी की जान ना जाए इसके लिए उप प्रधान श्रवण दास वैष्णव व भामाशाह द्वारा किए गए प्रयास से गांव के स्कूल के कोविड सेंटर खोला था. चूंकी सेंटर की शुरुआत भाजपा एमएलए जब्बर सिंह ने की तो कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को यह नागवार गुजरा और 2 दिन बाद ही राजनीतिक दबाव के चलते जिला कलेक्टर ने कोविड सेंटर को बंद करने के मौखिक आदेश दे दिए.
इसके चलते कोविड सेंटर को बंद कर दिया गया. कोविड सेंटर बंद होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. वहीं, सेंटर बंद होने के कारण मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोविड सेंटर पर भर्ती सभी मरीजों को आसींद ले जाया गया.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के मरीज कोविड सेंटर तहसील स्तर सीएचसी जाने से कतराते हैं. वहां भय का माहौल है जिसके चलते ग्रामीणों ने अपने पंचायत स्तर पर कोविड सेंटर खोला ताकि पंचायत व आसपास के लोगों को कोविड से निजात मिल सके.
उपप्रधान श्रवण दास वैष्णव ने बताया कि कोविड सेंटर के लिए बेड ऑक्सीजन सहित अन्य जरूरी मेडिसन गुजरात से मंगाई गई थी और पहले दिन ही ओपीडी 100 से ऊपर निकली. लेकिन राजनीति के कारण कोविड सेंटर को बंद कर दिया गया. आखिर इसके पीछे वजह क्या रही वह समझ से पैर हैं.
वहीं, सरपंच पति रणजीत सिंह राणा ने बताया कि कोविड सेंटर बंद होने से आसपास के ग्रामीणों में काफी रोष है. जिले में पहला ऐसा कोविड सेंटर खोला गया और इससे प्रेरणा लेकर कई गांव के सरपंचों ने भी कार्ययोजना बनाई थी. वहीं, इस संबंध में विधायक जब्बर सिंह सांखला ने बताया कि रघुनाथपुरा के भामाशाह द्वारा सराहनीय कार्य किया गया, लेकिन कस्बे के ही कुछ राजनेताओं को ये कोविड सेंटर व मरीजों की निशुल्क सेवाएं सहन नहीं हुई, इसी राजनीतिक दबाव में चलते जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने सेंटर को बंद करवा दिया.
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उन्होंने कहा कि कोविड में जहां लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं ऐसे समय में राजनीति करना बहुत ही ओछी हरकत है. वहीं, उप प्रधान ने कोविड-19 के सारे बेड आसींद सीएचसी को दे दिए ताकि कोरोना मरीज को जल्द से जल्द उपचार मिल सके.
(इनपुट-दिलशाद खान)