देश की पहली कबूतरशाला बनकर तैयार, पक्षियों के लिए बना 7 फ्लोर का बंगला
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देश की पहली कबूतरशाला बनकर तैयार, पक्षियों के लिए बना 7 फ्लोर का बंगला

देश की पहली कबूतर शाला जिसमें पक्षियों के लिए 7 फ्लोर बंगला तैयार किया गया है. इसमें अलग-अलग फ्लोर और फ्लैट के हिसाब से एक साथ करीब 3 हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था की गई है.

देश की पहली कबूतरशाला बनकर तैयार, पक्षियों के लिए बना 7 फ्लोर का बंगला

Parbatsar: देश की पहली कबूतर शाला जिसमें पक्षियों के लिए 7 फ्लोर बंगला तैयार किया गया है. इसमें अलग-अलग फ्लोर और फ्लैट के हिसाब से एक साथ करीब 3 हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था की गई है.

चंचलदेवी बालचंद लुणावत ट्रस्ट, अजमेर द्वारा पीह गांव में बनवाए गए. इस 65 फीट ऊंचे 7 फ्लोर बर्ड हाउस में करीब 8 लाख रुपये का खर्च हुआ है, अब 26 जनवरी को जैन समाज के संत इस बर्ड हाउस का उद्घाटन करेंगे. जैन संत रूप मुनि की प्रेरणा से श्री वर्धमान गुरु कमल कन्हैया विनय सेवा समिति पीह के सदस्यों और 18-20 युवाओं की टीम ने यहां कबूतरशाला बनाई थी.

भामाशाह से मिली एक करोड़ लागत की दो बीघा जमीन पर सेवा समिति के माध्यम से बनाई. इस कबूतरशाला में बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी हैं तो बुजुर्गों के लिए प्रार्थना कक्ष भी बनाया गया है. सुबह-शाम गांव के बुजुर्ग कबूतरों को दाना डालने के बाद इकट्ठे होकर भजन कीर्तन करते हैं. 400 पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं, इनमें से 100 अशोक के हैं। कबूतरशाला का उद्घाटन जैन संत रूप मुनि व विनय मुनि ने 14 जनवरी 2014 को किया था.

रोजाना 5 -6 बोरी धान कबूतरों को खिलाया जाता है. अध्यक्ष नथमल दुग्गड़ ने बताया कि अभी कबूतरशाला में हर महीने चार से पांच बार पिकअप धान अजमेर मंडी से आता है, जिसकी अनुमानित लागत हर महीने तीन लाख रुपये हैं. अब बर्ड हाउस बनने से कबूतरशाला में पक्षियों के लिए दाने-पानी की खपत भी बढ़ेगी, उन्होंने बताया कि यहां पक्षी घर के अलावा पक्षियों के पानी पीने के लिए एक वाटर पूल का भी निर्माण कराया गया है.

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पहले कई सालों तक टैंकरों से पानी की व्यवस्था की जाती रही, लेकिन अभी हाल ही में यहां कबूतरशाला में ही बोरिंग करवा दी गई है. कबूतरशाला में ट्रस्ट के माध्यम से आने वाली राशि को सीधे बैंक खाते में एफडी बनाकर जमा कर दी जाती है. मूल राशि को कभी भी काम में नहीं लिया जाता. एफडी पर बैंक से मिलने वाले ब्याज को ही खर्च किया जाता है. वर्तमान में 50 लाख रुपये बैंक खाते में जमा है.

नागौर जिले की परबतसर तहसील के अरावली पहाड़ी की तलहटी में बसे पीह गांव में देश की पहली सुव्यवस्थित कबूतरशाला का संचालन किया जा रहा है. अब इसी कबूतर शाला परिसर में दूसरे पक्षियों के लिए ये 7 फ्लोर बंगला तैयार कराया गया है.

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