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Tonk: राजस्थान में रीट में गोरखधंधे का खेल अब परत-दर-परत सामने आ रहा है. REET ने जान लेना भी शुरू कर दिया है. मंगलवार को टोंक जिले के नगरफोर्ट थाना इलाके के रानीपुरा गांव में एक शख्स ने सुसाइड कर लिया. आत्महत्या करने के साथ ही उसने सुसाइड नोट भी छोड़ा है. सूत्रों की मानें तो मृतक ने युवाओं को रीट का पेपर देने के एवज में 40 लाख वसूला था. पेपर लीक का खुलासा होने के बाद युवाओं द्वारा उसपर पैसे वापस करने का दबाव बन रहा था.
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बूंदी जिले के हिंडोली में पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत एलडीसी लोकेश मीणा ने सुसाइड लेटर लिखकर अपनी जान दे दी. सूत्रों की मानें तो इस सुसाइड लेटर में बाड़मेर और जयपुर के दो बड़े दलालों के नाम शामिल हैं. दलालों को मृतक लोकेश मीणा के द्वारा करीब 40 लाख रुपए की राशि दी गई थी. इसमें टोंक और बूंदी जिले के कई बेरोजगार युवाओं से रीट के पेपर के एवज में लोकेश मीणा के द्वारा यह राशि वसूली गई थी.
जब प्रदेश में रीट के पेपर आउट होने की खबरें सुर्खियां बनने लगी तो रुपए देने वाले युवाओं ने लोकेश मीणा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और रुपयों का तगादा करने लगे. इसके बाद लोकेश मीणा ने करीब 1 महीने पहले भी बूंदी में सुसाइड करने की कोशिश की थी. हालांकि एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी जान बच गई, लेकिन बीते दिन लोकेश मीणा बूंदी से अपने गांव रानीपुरा पहुंचा और घर आकर उसने आत्महत्या को अंजाम दे दिया. इसके साथ उसने सुसाइड लेटर लिखकर दर्जनभर नाम लिखकर पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.
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मृतक के भाई की मानें तो उसका कहना है कि पिछले 1 महीने से कई लोग उसके भाई को रुपयों के लिए परेशान कर रहे थे. टोंक जिले के एक दर्जन से ज्यादा युवकों के द्वारा उसे लगातार परेशान किया जा रहा था. आज जब युवक की आत्महत्या की सूचना देवली उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा को मिली तो विधायक हरीश चंद्र मीणा भी मृतक के गांव रानीपुरा पहुंचे.
मृतक के परिवार से मुलाकात की और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया. इसके साथ ही विधायक हरीश चंद्र मीणा मृतक के अंतिम संस्कार में शामिल हुए इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए विधायक मीणा ने कहा कि इस पूरे मामले में किसी भी दोषी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. पहले से ही रीट के मामले में जयपुर एसओजी जांच पड़ताल कर रही है. अगर टोंक पुलिस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करती है तो यह पूरा मामला जयपुर एसओजी को ट्रांसफर करवाया जाएगा और जल्द ही इस पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी.
मृतक के परिवार ने भी पुलिस और सरकार से जल्द राहत देने और न्याय करवाने की गुहार लगाई है. मृतक के भाई ने कहा है कि जो लोग दोषी हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाए. मृतक के भाई ने यहां तक कहा कि जो लोग उसके भाई पर रुपयों के लिए दबाव बना रहे थे उनकी पूरी जानकारी पुलिस के अधिकारियों को दे दी गई है. वहीं टोंक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र मिश्रा ने बताया कि पूरे मामले में नगरफोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उस एफआईआर दर्ज के साथ ही आरोपियों की निशानदेही शुरू की जा चुकी है.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है. इसके लिए टीमों का गठन किया जा चुका है. अगर इस पूरे मामले में कोई भी बड़ा नाम सामने आता है तो वह बड़ा नाम नहीं है. वह सिर्फ अपराधी है और अपराधी का कोई बड़ा नाम नहीं है. अपराधी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसे सजा दिलवाने के लिए तो पुलिस पूरे प्रयास करें उम्मीद तो यही है कि अब पुलिस के किए जा रहे हैं वादे पर पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और लोकेश मीणा जैसे दूसरे युवा बेरोजगार या सरकारी सेवाओं में कार्यरत युवा आत्महत्या का रास्ता नहीं अपनाएंगे.