पुष्कर में ज्ञान के मंदिर पर हावी हुए धार्मिक संगठन, नाम को लेकर शुरू हुआ बवाल
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पुष्कर में ज्ञान के मंदिर पर हावी हुए धार्मिक संगठन, नाम को लेकर शुरू हुआ बवाल

अजमेर के पुष्कर में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का नाम बदलने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है.

पुष्कर में ज्ञान के मंदिर पर हावी हुए धार्मिक संगठन, नाम को लेकर शुरू हुआ बवाल

पुष्कर: अजमेर के पुष्कर में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का नाम बदलने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. खबर के मुताबिक, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का नाम माता सावित्री बाई फुले राजकीय कन्या महाविद्यालय किए जाने की चल रही कवायद से पुष्कर वासियों में रोज उत्पन्न हो गया है. 

पुष्कर की जनता का कहना है कि सावित्रीबाई फुले का पुष्कर में कोई विशेष योगदान नहीं है. ऐसे में सरकारी स्कूल उनके नाम से नामांतरण करने का कोई औचित्य नहीं है. अगर स्कूल नया नाम रखना है तो ब्रह्मा या गायत्री विद्यालय रखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि, महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय जागृति मंच के बैनर तले पुष्कर निवासी तारा चंद गहलोत ने गत दिनों जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर पुष्कर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का नाम बदलकर माता सावित्रीबाई फुले कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय रखने की मांग की थी. जिसके वाद इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाचार्य को पत्र भेजा था.

वहीं, विद्यालय एवं विकास प्रबंध समिति के सदस्यों के अनुमोदन के उपरांत विद्यालय का नामांतरण माता सावित्रीबाई फुले राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय करने की अभी संख्या के साथ प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भिजवाने के लिए आदेशित किया था. उधर, शाला प्रधान ने विद्यालय विकास प्रबंधन समिति की सहमति से विद्यालय का नाम अनुकरण का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी को भी भिजवा दिया है. 

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इसकी जानकारी मिलने पर बुधवार को विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्कूल पहुंचकर रोष प्रकट किया. आक्रोशित सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर, तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट के सदस्य गोविंद पाराशर, पाराशर ब्राह्मण समाज महासभा के नेहरू पंडित व अरुण शर्मा ने सामूहिक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन शाला प्रधान रजनी श्री को देखकर विद्यालय का नामांकन सावित्रीबाई फुले करने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग उठाई. 

आरोप है कि शाला प्रधान ने बिना आमजन व स्थानीय धार्मिक व सामाजिक संगठनों की सहमति के एक संस्था का व्यक्ति विशेष के नाम पर स्कूल नामांकन करने का प्रस्ताव भेजा है. वहीं, दूसरी ओर जब संस्था प्रधान रजनी श्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह आदेश राज्य सरकार और क्षेत्रीय शिक्षा प्रबंधन कार्यालय से प्राप्त हुए हैं. इस संबंध में किसी भी संस्था से शाला प्रबंधन की वार्ता नहीं हुई है. जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों पर विद्यालय का नाम परिवर्तन करने की अनुशंसा की गई है.

रिपोर्ट: अभिषेक शर्मा

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