मसूदा पंचायत समिति क्षेत्र के अलग-अलग गांव के दो बालिकाओं को एक ही नंबर के दो आधार कार्ड (Aadhar Card) जारी होने से बालिकाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सतावडिया निवासी गोपाल बैरवा ने बताया कि मेरी पुत्री ममता बेरवा का आधार कार्ड बनवाया गया.
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Masuda: मसूदा पंचायत समिति क्षेत्र के अलग-अलग गांव के दो बालिकाओं को एक ही नंबर के दो आधार कार्ड (Aadhar Card) जारी होने से बालिकाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सतावडिया निवासी गोपाल बैरवा ने बताया कि मेरी पुत्री ममता बेरवा का आधार कार्ड बनवाया गया. जिसका आधार नंबर 6494 7779 3172 का जारी किया हुआ है. जबकि इसी नंबर का ममता पुत्री गोपाल सिंह रावत निवासी मानपुरा के नाम से भी जारी हो चुका है. जिसके चलते ममता बेरवा को अपने स्कूल सहित अन्य कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ममता के पिता गोपाल बेरवा ने बताया कि जबकि मेरी पुत्री का आधार कार्ड ग्राम पंचायत जामोला में बनवाया गया था लेकिन एक ही नंबर से दो आधार कार्ड जारी होने के चलते मेरी पुत्री को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि मेरी पुत्री के आधार कार्ड से कोई भी कार्य के लिए अपडेट किया जाता है तो मेरी पुत्री की जगह मानपुरा निवासी ममता पुत्र गोपाल सिंह रावत का नाम आ रहा है साथ ही मोबाइल नंबर अपडेट मेरे ही आ रहे हैं जबकि उक्त अन्य बालिका के इस आधार कार्ड के नंबर से राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठा रही है. साथ ही फिंगरप्रिंट मेरी पुत्री के ही आ रहे हैं. फिर भी उक्त बालिका के को राज्य सरकार वह अन्य योजनाओं के लिए आधार कार्ड नाम व पता लगाने से परेशानी हो रही है.
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एक ही नंबर का आधार कार्ड नंबर जारी होने के कारण ऐसा हो रहा है. ममता के पिता गोपाल बैरवा ने बताया है कि वह विकलांग हैं और बीपीएल धारक हैं, उनकी एक ही बेटी है, जिससे वह सरकार द्वारा चलाई जा रही पालनहार योजना का लाभ भी नहीं उठा पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब भी वह अपना फॉर्म जमा करने के लिए नजदीकी ई-मित्र सेवा केंद्र में जाते हैं तो उनका फॉर्म जमा नहीं हो पाता है.
जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.गोपाल बैरवा ने बताया कि पिछले चार साल से आधार कार्ड बनवाने वाले के चक्कर लगा रहा हूं, दर्जन भर से ज्यादा आधार कार्ड बनवा चुका हूं, लेकिन आधार कार्ड पर वही नंबर वापस आ रहे हैं.जिसके चलते ममता रावत का आधार कार्ड किसी के भी सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने की कोशिश करने से पहले ही खुलवा दिया जाता है. जिसके कारण कोई फॉर्म अपलोड नहीं होता है.
मसुदा कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश से इस मामले की जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि जब तक दोनों बच्चियों के आधार कार्ड यहां नहीं लाए जाते तब तक यह मामला नहीं सुलझेगा, साथ ही आधार कार्ड बनाने वाले ने दो आधार कॉपी और पेस्ट भी कर दिए हैं. जबकि यह मामला कई दिनों से मेरे संज्ञान में आ रहा है.
Reporter- Manveer Zee