Alwar Crime News:डॉक्टर अबरार अली हुआ साइबर ठगी का शिकार,सऊदी अरब के अस्पताल में नौकरी करने के नाम पर गवाएं लाखों
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Alwar Crime News:डॉक्टर अबरार अली हुआ साइबर ठगी का शिकार,सऊदी अरब के अस्पताल में नौकरी करने के नाम पर गवाएं लाखों

Alwar Crime News:राजस्थान के कोटा दादाबाड़ी के डॉक्टर अबरार अली से अलवर में रहते हुए 1 लाख 38 हजार रुपए की ठगी हो गई.अलवर के सानिया हॉस्पिटल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अबरार अली को सऊदी अरब के फैसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी लगाने का झांसा देकर यह ठगी की है.

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Alwar Crime News:राजस्थान के कोटा दादाबाड़ी के डॉक्टर अबरार अली से अलवर में रहते हुए 1 लाख 38 हजार रुपए की ठगी हो गई.अलवर के सानिया हॉस्पिटल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अबरार अली को सऊदी अरब के फैसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी लगाने का झांसा देकर यह ठगी की है.अब डॉक्टर ने साइबर थाने में रिपोर्ट दी है.

डॉ अबरार के अनुसार वह मूल रूप से वक्फ नगर दादाबाड़ी कोटा का निवासी है. अब अलवर के रणजीत नगर में रहता है और सानिया हॉस्पिटल में नौकरी करता है. 9 मार्च को उसके मोबाइल नंबर पर फोन आया और सऊदी अरब के फसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी करने का ऑफर किया. जिसके लिए 5500 रुपए यूपीआई के जरिए जमा करा इंटरव्यू देने की बात की. पैसे यूपीआई से भेज दिया. इंटरव्यू की सब औपचारिकताएं पूरी कर दी गई. 

इसके बाद 13 मार्च से अलग-अलग बहाने कर पैसे मांगे गए. मैंने पांच बार में कुल 1 लाख 38 हजार 400 रुपए यूपीआई के जरिए भिजवा दिए. इसके बाद मेरे द्वारा जॉब ऑफर लेटर मांगा गया. तब कहा गया कि दो-तीन दिन में आ जाएगा,लेकिन नहीं आया. आखिर में फिर पैसे की मांग की जाने लगी. 

उसके बाद शक हो गया कि यह सब फर्जीवाड़ा है. इसके बाद पुलिस थाना साइबर को रिपोर्ट दी. लेकिन शुरूआत में मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया. अब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. उधर, पुलिस का कहना है कि यह मार्च माह की ठगी का मामला है. पुलिस जांच करने में लगी है.

फर्राटेदार अंग्रेजी में बातें

डॉक्टर ने कहा कि ठगी करने वाले अच्छे पढ़े लिखे हैं. जो फर्राटेदार अंग्रेजी में बातें करते हैं. शुरूआत में ऐसा आभास नहीं हुआ कि इस तरह भी ठगी हो सकती है. मुझसे 55 सौ रुपए लेने से शुरूआत की गई. इसके बाद अमाउंट बढ़ता गया. आखिर में मुझसे 41 हजार रुपए लिए. फिर 50 हजार की डिमांड आने पर वह समझ गया,लेकिन तब तक 1 लाख 38 हजार रुपए दे चुका था.

 पुलिस को ऐसे गिरोह को दबोचना चाहिए,लेकिन उसे FIR कराने में 15 दिन लग गए.उसने 23 मार्च को ही पुलिस थाने मे रिपोर्ट दे दी थी. लेकिन दर्ज नहीं की.आखिर में एसपी के पास पहुंचना पड़ा.

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