Alwar News: अलवर जिले में सरिस्का बाघ अभ्यारण में 3 महीने के बाद 1 अक्टूबर मंगलवार को पांडुपोल स्थित लेटे हुए हनुमान जी के विग्रह के देसी-विदेशी सैलानियों को दर्शन हुए. पौराणिक और महाभारत कालीन हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति पूरे देश में केवल सरिस्का के इस घने जंगलों में स्थित है.
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Alwar Big News: राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का बाघ अभ्यारण में 3 महीने के बाद 1 अक्टूबर मंगलवार को पांडुपोल स्थित लेटे हुए हनुमान जी के विग्रह के देसी-विदेशी सैलानियों को दर्शन हुए. ZEE राजस्थान की टीम ने पांडुपोल मंदिर पहुंचकर श्री राम दरबार और हनुमान जी के विग्रह के बाहर से आए हुए देसी और विदेशी सैलानियों के साथ दर्शन कर उसे अलौकिक सिंगार का दर्शनार्थियों में चिंतन मनन और ऊर्जा का भाव देखा.
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पौराणिक और महाभारत कालीन हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति पूरे देश में केवल सरिस्का के इस घने जंगलों में स्थित है. बड़े बुजुर्गों का कहना है कि पांडवों को जब अज्ञातवास का आदेश मिला. उस समय यहां पर उन्होंने अज्ञातवास को काटा. उसी समय से किवदंतियां और प्रसंग सुनने को मिलते हैं. इसी सरिस्का के घने जंगलों में हनुमान जी महाराज ने भीम का घमंड चूर किया था. लोगों के बताए अनुसार हनुमान जी बुजुर्ग वानर का रूप रखकर रास्ते में लेट गए.
जब पांडव पानी की तलाश करते हुए इस जंगल से गुजरे. तो घनी पहाड़ियों में रास्ता बंद हो गया और महाबली भीम ने गदा मारकर पहाड़ को छेद कर पोल कर दिया. उस समय से इसे पांडू पोल कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी महाराज रास्ते में लेट गए. भीम ने रास्ते से हटने को कहा तो बुजुर्ग वानर रूप धरे हनुमान जी ने कहा मेरी पूछ को एक साइड कर दो मैं बीमार और लाचार हूं.
भीम ने लाख कोशिश की पर हनुमान जी की पूंछ को नहीं हटा पाए. हारकर भीम ने क्षमा याचना की. जब हनुमान जी दिव्य स्वरूप में दर्शन दिए. उसी कालचक्र से हनुमान जी के दर्शन मात्र से लोगों के कष्ट दूर होते गए और मनौती पूरी होने पर यहां पर सवामणि की जाती है. तभी से इस जगह का नाम पांडु पोल हनुमान जी पड़ गया. ZEE राजस्थान की टीम ने अपने दर्शकों के लिए श्री राम दरबार हनुमान जी विग्रह के अलौकिक अद्भुत और चमत्कारिक स्वरूप के दर्शन दिखाए जा रहे हैं.
यहां के महंत बाबूलाल शर्मा ने बताया कि विगत दिनों पांडुपोल मेले में अव्यवस्था रही. जिससे देश और विदेश के सैलानिओं के आने में परेशानी हुई. उस समय सरिस्का बाघ अभ्यारण भारी बारिश के चलते बंद रहता है. आज जब खुला है तो विदेशी सैलानियों के साथ-साथ देसी सैलानियों ने भी हनुमान जी महाराज के दर्शन कर अमन चैन और खुशी की दुआ मांगी. वहीं उन्होंने सरिस्का प्रशासन से आग्रह किया है.
यहां पर आने वाले भक्तों का समय बढ़ाया जाए और प्राइवेट वाहनों को आने की अनुमति दी जाए. सरिस्का प्रशासन द्वारा अलवर नंबर और भिवाड़ी नंबर की गाड़ियों के निशुल्क जाने की व्यवस्था है. वहीं बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए पर्ची काटी जाती है. महाभारत कालीन पांडू पोल हनुमान जी मंदिर लाखों लोगों की श्रद्धा की आस्था का केंद्र है.