Alwar: टीकाराम जूली ने BJP पर साधा निशाना,कहा-अन्नदाता पर ब्रिटिश शासन जैसा बर्ताव किया जा रहा है
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2108907

Alwar: टीकाराम जूली ने BJP पर साधा निशाना,कहा-अन्नदाता पर ब्रिटिश शासन जैसा बर्ताव किया जा रहा है

Alwar news: राजस्थान के अलवर प्रतिपक्ष नेता जूली ने आज मोती डूंगरी स्थित कार्यालय पर आमजन से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.इतना ही नहीं भाजपा के नेता की गाड़ी से किसानों को कुचलकर घिनौना कृत्य भी किया गया.

 BJP पर साधा निशाना

Alwar news: राजस्थान के अलवर प्रतिपक्ष नेता जूली ने आज मोती डूंगरी स्थित कार्यालय पर आमजन से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पर्ची वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लगभग 60 दिन पूरे होने के बाद भी आमजन के मूलभूत कार्यों के समाधान की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. यह पर्ची वाली सरकार केवल हमारी कांग्रेस सरकार की योजनाओं पर रोक लगाने और नाम बदलने के एजेंडे पर काम कर रही है.

 युवाओं की बात को सुनकर उसके समाधान की दिशा 
 उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज में जो जनहित में फैसले लिए गए उन सभी कार्यों को भारतीय जनता पार्टी ने दुर्भावनावश रोक दिया है .जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक अपनी जायज मांग के लिए शहीद स्मारक पर राजीव गांधी युवा मित्रों से मारपीट कर बर्बरता पूर्वक उनके धरने को रोकने का इस सरकार ने घिनौना काम किया है.उन्होंने कहा कि मारपीट की बजाय प्रदेश की सरकार को देश का भविष्य इन युवाओं की बात को सुनकर उसके समाधान की दिशा में कोई रास्ता निकालना चाहिए .

नेता प्रतिपक्ष राजस्थान विधानसभा एवं अलवर ग्रामीण विधायक टीकाराम जूली ने 2 साल बाद फिर एक बार अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे किसानों के पक्ष में तथा केंद्र की मोदी सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में अराजकता की जननी का पर्याय बन चुकी भारतीय जनता पार्टी एक तरफ तो किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर खुद को किसान हितेषी साबित करना चाह रही है. वहीं दूसरी तरफ देश के अन्नदाता और चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए भाग्य विधाता किसानों को केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने का हथियार बना रखा है. 

जिसके चलते 2 साल बाद फिर किसान अपनी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन हुआ. तब मोदी सरकार को किसानों के आगे घुटने टेकने पड़े थे और संसद से पारित तीन काले कृषि कानून को रद्द करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि खुद को किसान हितेषी बताने वाली केंद्र की मोदी सरकार की हठधर्मिता ने सैकड़ो किसानों की जान ले ली थी. इतना ही नहीं भाजपा के नेता की गाड़ी से किसानों को कुचलकर घिनौना कृत्य भी किया गया. 

चुनाव में जीत के लिए किसानों को वायदों और जुमलो वाले पानी के ठंडे छीटें दे दिए गए थे. एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार ने किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलों का जाल बिछाया जा रहा है.बड़े-बड़े कंक्रीट के बेरिकेडिंग लगाए गए हैं जो कि गुलामी के युग की याद दिला रहा है. उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता पर ब्रिटिश शासन जैसा बर्ताव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसान से जो वायदे केंद्र सरकार ने किए थे. वह पूरे नहीं हुए हैं .

इसलिए किसान वापस सड़कों पर अपने हक की लड़ाई के लिए उतरा है. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट तथा किसानों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को किसानों से वार्ता करनी चाहिए ना कि बलपूर्वक उन्हें उनके अपने ही देश में आतंकियों जैसा व्यवहार करना चाहिए.

यह भी पढ़ें:बर्डोद नगर पालिका बजट बैठक में हगामा,नगर पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप

Trending news