अलवर में जहां त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग के चलते एक युवक ने अपने दोस्त की हत्या कर शव को जलाकर जंगलों में फेंक दिया, लेकिन हत्यारे द्वारा युवती को लिखे पत्र ने सारा राज खोल दिया
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Alwar: अलवर में जहां त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग के चलते एक युवक ने अपने दोस्त की हत्या कर शव को जलाकर जंगलों में फेंक दिया, लेकिन हत्यारे द्वारा युवती को लिखे पत्र ने सारा राज खोल दिया, प्रेमिका को खत लिखा उससे बात करना छोड़ दो, मैं हाथ पैर नहीं तोड़ता, मैं जिंदा जला देता हूं और कर डाला कुछ ऐसा ही कांड.
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12 अप्रैल को सदर थाना लिवारी से अपने फूफा के घर रहकर पढ़ाई करने वाले 21 वर्षीय युवक दीपक लापता हो गया था जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने 13 अप्रैल को सदर थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई, आखिर 22 दिन बाद दीपक की हत्या किए जाने का खुलासा हुआ, पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मृतक के मोबाइल की डिटेल खंगाली तो उसमें एक युवक व एक युवती से बात होना पाया गया. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो हैरान कर देने वाला कांड सामने आया. हिरासत में लिए गए युवक परमजीत के कबूलनामे से सबकी रूह कांप जाएगी. युवक परमजीत ने जल्द ही हत्या करना कबूल किया लेकिन किस तरह उसने इस ख़ौफ़नाक वारदात को अंजाम दिया, आखिर क्यों उसने अपने दोस्त की हत्या की इसपर अभी राज उठाना बाकी था.
परमजीत ने युवती को जो पत्र लिखा उसने सारा राज खोल कर रख दिया हम आपको बताते है परमजीत ने खत में क्या लिखा था. उससे पहले बताते है पूरी कहानी
करीब 21 वर्षीय मृतक दीपक यादव पुत्र रामभरोसी यादव निवासी नांगल रूपा तहसील कठूमर अलवर में सदर थानांतर्गत लिवारी गांव में अपने फूफा सीताराम यादव के यहां रहकर पढ़ाई कर रहा था. 12 अप्रैल को दीपक यादव सुबह 11 बजे घर से निकला लेकिन रात तक घर नहीं लौटा तब परिजनों ने 13 अप्रैल को सदर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी, लेकिन पुलिस दीपक का कोई सुराग नहीं लगा पाई. 22 दिन बाद पुलिस को दीपक की हत्या की जानकारी मिली. सूचना मिलते ही परिजन व ग्रामीण सदर थाने पहुंचे और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए.
पुलिस ने माना दीपक की हत्या कर दी गयी है, लेकिन दीपक की लाश पुलिस को नहीं मिली थी. इस गुत्थी को सुलझाना अभी बाकी था. पुलिस ने संदिग्ध रूप से हिरासत में लिए गए परमजीत द्वारा घटना को कारित करना स्वीकार किया. घटना की गम्भीरता को देखते हुए एसपी तेजस्वीनी गौतम ने सीओ ग्रामीण अमित कुमार व सदर थाना एसएचओ के नेतृत्व टीम का गठन कर मौके पर जाकर एफएसएल व डॉग स्क्वायड टीमों को बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए. परमजीत की निशानदेहि पर मौके से लाश की तलाश शुरू की गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने लिवारी की पहाड़ियों की तलहटी में जाकर सर्च ऑपरेशन चलाया तो वहां कुछ मानव कंकाल के अवशेष मिले व सर्च ऑपरेशन में एक मानव कंकाल की खोपड़ी भी मिली जिसे जब्त कर मोर्चरी भिजवाया गया, जिसकी एफएसएल व परिजनों के डीएनए से मिलान कराया जाएगा.
इस पूरी वारदात के पीछे मुख्य कहानी क्या है अब वह हम आपको बताते है आखिर क्यों दीपक की नृशंस तरीके से हत्या की गई. खुलासा हुआ की दीपक की हत्या उसके दोस्त परमजीत ने ही कि थी. दीपक की मोबाइल लोकेशन से पता चला लास्ट लोकेशन दीपक की परमजीत के घर मिली थी. परमजीत ने 12 अप्रैल को दीपक को घर बुलाया और उसके सर पर डंडे से वार कर पहले उसकी हत्या की फिर उसे बोरे में डालकर मोटरसाइकिल पर पहाड़ी की तरफ ले गया जहा उसने अपने साथ सौ रु का पेट्रोल लेजाकर वहां उसके शव जला दिया. शव जब पूरी तरह जल नहीं पाया तो उसने शव को जंगलों में फेंक कर खुर्दबुर्द कर दिया.
लेकिन हत्या क्यों कि इसपर भी पर्दा उठाना जरूरी है यह पूरी वारदात एक त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग की वजह से हुई. दरअसल परमजीत का एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन उस लड़की का परमजीत के दोस्त दीपक से भी सम्पर्क हो गया था. यह बात जब परमजीत को पता चली तो उसने युवती को एक खत लिखा. खत आप भी पढ़ेंगे तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
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परमजीत ने खत में लिखा कि मैं भी तो देखु तेरे पास कौन आता है, जो तेरे पास आया वो तो गया. दीपक मेरा दोस्त था उसने गद्दारी की है उसे नहीं छोडूंगा. मेरी आदत है मैं हाथ पैर नहीं तोड़ता जिंदा जला देता हूं मुझे अच्छा भी तूने बनाया था और बुरा भी तू बना रही है. आखिर परमजीत ने 12 अप्रैल को दीपक की हत्या कर उसके शव को जला दिया. पुलिस तहकीकात में मिले इस खत ने हर राज से पर्दा उठा. पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी परमजीत सिंह को न्यायालय पेश कर रिमांड पर लिया हुआ है. पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है इस वारदात में परमजीत के साथ कोई और भी शामिल हो सकता है क्योंकि पहाड़ी की तलहटी पर बाइक पर शव ले जाना अकेले का काम नहीं हो सकता अभी ऐसे कई सवाल है जिस पर पर्दा उठना अभी बाकी है.
Report- Jugal Gandhi