Alwar News: आज, 12 मई को मदर्स डे के मौके पर हम एक ऐसी मां की कहानी आपको बताने जा रहे हैं, जिसने अपने बेटे की जान बचाने के लिए अपनी किडनी देने से पहले एक बार भी नहीं सोचा. पहले जन्म और फिर किडनी देकर अपने बेटे को दूसरा जीवन दिया.
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Mother's Day 2024 Special: आज पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जा रहा है. बात करें भारत की तो मां का स्थान कोई नहीं ले सकता. एक बार वह बच्चे को अपनी कोख से जन्म देती है. जब बच्चा मुश्किल और परेशानी में हो तो सबसे पहले मां ही सामने आती है और उसकी हर पीड़ा परेशानी को हर लेती है. अपनी हर सांस, खून का हर कतरा, जिस्म का हिस्सा अपने बच्चों पर न्योछावर करती है. अपने बच्चों को नया जन्म देती है और उसकी सांसों की डोर बन जाती है. ऐसी ही एक मां अलवर में रहती है.
मुकेश की दोनों किडनी खराब हो गई थी
हम बात कर रहे हैं भजीट गांव की माना चौधरी की, जिन्होंने अपने व्यस्क बेटे को किडनी देकर उसको दूसरा जीवनदान दिया. 2016 में मुकेश चौधरी की तबीयत खराब हो गई और 2017 के अंत तक वह डायलिसिस करने जयपुर जाते रहे. उसके बाद हर डेढ़ महीने में अलवर में उनका डायलिसिस होता. इस दरमियान मां को लगा बेटा बहुत ज्यादा परेशानी में है. उसे ठीक करना बहुत जरूरी है. वहीं, बेटे की दोनों किडनी खराब हो गई थी. जब किडनी के लिए मिलान किया गया, तो केवल मां की किडनी का मैच हुआ.
मैंने जन्म दिया, किडनी देने में क्या डर-माना चौधरी
धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर तो यहां तक कहते हैं. जब भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस आते है. तो सबसे पहले मां ही पहली डोनर होती है. माना चौधरी पत्नी चरण सिंह भी ऐसी ही मां है. उनके बेटे मुकेश की किडनी महज 33 साल की उम्र में खराब हो गई. तबीयत बिगड़ने लगी, तो मां अपने बेटे को देख नहीं पाई. पूछा कोई तो इलाज होगा. घर वालों ने कहा अब इसे दूसरी किडनी ही लगेगी. माना ने एक पल गवाए बिना कहा कि मेरी लगा दो, करो डॉक्टर से बात. ट्रांसप्लांट हुआ, तो मुकेश का जीवन बच गया. वहीं, मुकेश चौधरी ने कहा कि कोई मां की ममता का कर्ज नहीं चुका सकता. मां ही मेरी भगवान है. आज पूरे 7 साल हो चुके है. मैं अपना जीवन खुशहाली में जी रहा हूं और परिवार भी खुश है.
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