तिजारा: वाल्मीकि जयंती पर हुए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित, कस्बे में निकाली शोभायात्रा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1388282

तिजारा: वाल्मीकि जयंती पर हुए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित, कस्बे में निकाली शोभायात्रा

वाल्मीकि जयंती के अवसर पर रविवार को टपूकड़ा कस्बे के वाल्मीकि मंदिर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भगवान वाल्मीकि और श्री राम पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी गई.

तिजारा: वाल्मीकि जयंती पर हुए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित, कस्बे में निकाली शोभायात्रा

Tijara: वाल्मीकि जयंती के अवसर पर रविवार को टपूकड़ा कस्बे के वाल्मीकि मंदिर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भगवान वाल्मीकि और श्री राम पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी गई. इस दौरान टपूकड़ा कस्बे के बीचो-बीच वाल्मीकि समाज और सर्व समाज के लोगों ने मिलकर भगवान वाल्मीकि की भव्य शोभायात्रा निकाली, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. 

टपूकड़ा में वाल्मीकि मंदिर पर आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. वाल्मीकि महाराज की झांकी निकाली गई. भाजपा जिला उपाध्यक्ष हर्ष यादव, पूर्व सरपंच टपूकड़ा नरेश शर्मा और भाजपा एससी मोर्चा जिला उपाध्यक्ष संदीप मेघवाल ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर झांकी को रवाना किया. 

भाजपा जिला उपाध्यक्ष हर्ष यादव ने बताया कि वाल्मीकि का नाम और उनकी शिक्षाएं सबके लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, वह एक उत्कृष्ट गुरु, संस्कृत भाषा के विद्वान, संगीत शिक्षा, श्रेष्ठ कवि तथा सशस्त्र विद्या के महान गुरु हैं. भगवान वाल्मीकि ने अपने महान काव्य की रचना करके भारतीय दर्शन का निर्माण किया, ज्ञान के सागर महाकवि भगवान वाल्मीकि ने महान ग्रंथ योग वशिष्ठ की रचना की, जो दुनिया का सबसे पहला काव्य व्याकरण, काव्यशास्त्र, काव्य शैली और काव्यात्मक शब्द संयोजन का संपूर्ण ज्ञान भंडार है. 

भगवान वाल्मीकि की विचारधारा में श्रेष्ठ दर्जे के गहरे गंभीर सिद्धांत और उपदेश उपलब्ध हैं, जो मानवता के लिए आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक जीवन का मार्गदर्शन करते हैं. भगवान वाल्मीकि की विचारधारा के अनुसार, मातृ भूमि का स्थान सर्वोपरि है, जो स्वर्ग से भी ऊंचा स्थान रखती है. वाल्मीकि का आदेश है कि प्रत्येक मनुष्य को अपनी मातृभूमि और देश के लिए अपनी जिंदगी का एक-एक पल न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहना चाहिए. 

वाल्मीकि ने सीता माता को अपने आश्रम में शरण देकर उनका हौसला बढ़ाया. उन्हीं के आश्रम में श्री राम चंद्र जी के पुत्रों लव और कुश का जन्म हुआ और सतगुरु भगवान वाल्मीकि से उन्होंने शस्त्र विद्या भी हासिल की. 

इस अवसर पर भाजपा ज़िला उपाध्यक्ष हर्ष यादव, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि नरेश जांगीड, संदीप मेघवाल, दौलत राम, कैलाश मास्टर, रोशन पोस्टमैन, डॉ किडू, टोनी, रोहित, राहुल, सुनील, पूरण, प्रवीण वाल्मीकि, भारत, सन्नी, अशोक, सतीश वाल्मीकि सहित बड़ी संख्या में बाल्मिकी समाज के लोग उपस्थित्त रहें. 

यह भी पढे़ंः 

Karwa Chauth 2022: इस राज्य में विधवा भी रखती हैं करवा चौथ का व्रत, रात में चांद के बाद करती हैं पति का दीदार

हर दुल्हन को बिना शरमाए पर्स में रखनी चाहिए ये चीजें, क्या पता दूल्हा कब भड़क जाए

महरीन काजी ने इंस्टा पर लिख दी दिल की बात, शौहर अतहर आमिर खान ने भी दिया प्यारा जवाब

Trending news