Jaipur News: राजस्थान के सियासी बाड़े में अब गौ-माता की एन्ट्री हो गई है. तीन गायों की मौत से बीजेपी और कांग्रेस में तकरार शुरू हो गई है. दोनों एक दूसरे में मामलें को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है.
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Jaipur News: राजस्थान के सियासी बाड़े में अब गौ-माता की एन्ट्री हो गई है. आदर्श नगर में तीन गायों की मौत के बाद बीजेपी सक्रिय दिख रही है तो सरकार के मंत्री और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास इस पूरे मामले पर अपनी बात रखते दिखे.
दरअसल, सियासी बाड़े की उठा-पटक के बीच गाय की एन्ट्री हुई है. यहां गौ-माता चारे की तलाश में तो नहीं आई लेकिन, आदर्श नगर में तीन गायों की मौत को लेकर बीजेपी प्रत्याशी रवि नैय्यर और स्वामी बालमुकुन्दाचार्च ने सवाल उठाये हैं. सरकार से पूरे मामले की बोर्ड बिठाकर जांच की मांग की है.
उधर , मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावासने इस मामले को लेकर कहा हैं कि वे इन सब बातों का पहले ही अंदेशा जता चुके थे और अब वैसा ही होता जा रहा है. खाचरियावास का कहना है कि बीजेपी इलेक्शन में जैसे-जैसे कमजोर हो रही है वैसे ही इस तरह के मुद्दे उठा रही है.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के प्रत्याशी रवि नैय्यर और बालमुकुंदाचार्य ने इस मासले को लेकर मीडिया से रूबरू हुए. दोनों बीजेपी प्रत्याशियों ने गायों की मौत पर सवाल उठाये. और कहा कि - पशु चिकित्सालय में जब डॉक्टर ने गायों की जांच तो उनकी मौत का कारण जहर बताया. इसके बाद बीजेपी का सवाल है कि गाय के शरीर में जहर कहां से आया?
हवामहल से बीजेपी प्रत्याशी बालमुकुंदाचार्य ने भी गायों की मौत को सनातन पर हमला बताया. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है. बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि परकोटे से लोगों का पलायन हो रहा है. उन्होंने सनातन और सनातनियों को लेकर कहा कि उन पर पहरे बिठाये जाते हैं.
उधर, कांग्रेस नेता और गहलोत सरकार के मन्त्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी जनता से अपील करते हुए कहा कि बीजेपी वाले किसी भी तरह की हरकत कर सकते हैं. खाचरियावास ने कहा कि वे लगातार इस बात को कह रहे थे कि आपस में झगड़ा कराया जा सकता है, गौ-माता का मुद्दा उठाया जा सकता है... और अब ये लोग उसी मुद्दे पर आ गए हैं.
गायों की मौत के बाद जांच की मांग उठ रही है. उधर मन्त्री प्रताप सिंह को बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि वे गोविन्द देवजी के भक्त हैं तो मौके पर पहुंचे और देखें कि किस तरह गायों को मारा गया है. ऐसे में सवाल यह है? कि क्या गायों पर सियासत हो रही है? और अगर वाकई यह सिसायत का हिस्सा है? तो क्या गाय किसी भी पार्टी को सियासत की वैतरणी पार करा पाएगी?
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