Rajasthan Assembly Election: प्रत्याशियों की लिस्ट के बाद सिर-फुटौव्वल, BJP-Congress दोनों में दिखे बगावती तेवर
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Rajasthan Assembly Election: प्रत्याशियों की लिस्ट के बाद सिर-फुटौव्वल, BJP-Congress दोनों में दिखे बगावती तेवर

Rajasthan Aseembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों की लिस्ट आ रही हैं हालांकि अभी 200 नाम किसी भी पार्टी ने तय नहीं किये हैं लेकिन तकरीबन हर लिस्ट के बाद विरोध दिख रहा है. आमतौर पर राजनीतिक पार्टियां यही कहकर अपनी बगावत को छिपाने की कोशिश करती हैं कि उनकी पार्टी जीत रही है और सामने वाली हार रही है. लिहाजा जीतने वाली में टिकट की ज्यादा मांग का हवाला भी दिया जाता है. 

Rajasthan Assembly Election: प्रत्याशियों की लिस्ट के बाद सिर-फुटौव्वल, BJP-Congress दोनों में दिखे बगावती तेवर

Rajasthan Aseembly Election, Jaipur News: बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों की लिस्ट आ रही हैं हालांकि अभी 200 नाम किसी भी पार्टी ने तय नहीं किये हैं लेकिन तकरीबन हर लिस्ट के बाद विरोध दिख रहा है. बीजेपी के 124 प्रत्याशियों के मुकाबले कांग्रेस ने अब तक 156 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन इस बीच कांग्रेस में विरोध भी मुखर होने लगा है. 

विरोध कुछ जगह प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद तो कहीं पर नाम तय होने से पहले ही दिख रहा है. इससे पहले बीजेपी में उठ रहे विरोध के सुरों पर कांग्रेस ने नेता चटकारे लेकर बात कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस में हो रहे विरोध पर उनके अलग तर्क हैं. कहा जा रहा है कि टिकट तो किसी एक को ही मिलना है. हालांकि इस विरोध के बीच भी नेता अपनी पार्टी की कमीज़ दूसरी के मुकाबले ज्यादा उजली बता रहे हैं.

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चुनाव हैं तो हार भी है और जीत भी. लेकिन हार और जीत के इस फैसले से पहले चुनाव लड़ने और बागियों का सामना करने का सफर भी तय करना पड़ता है. जहां ज्यादा दावेदार वहां भी बगावत और जहां जीतने की ज्यादा संभावना वहां भी बगावत. आमतौर पर राजनीतिक पार्टियां यही कहकर अपनी बगावत को छिपाने की कोशिश करती हैं कि उनकी पार्टी जीत रही है और सामने वाली हार रही है. लिहाजा जीतने वाली में टिकट की ज्यादा मांग का हवाला भी दिया जाता है. 

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इधर सीएम अशोक गहलोत ने भी नेताओं के विरोध के बाद कहा कि उनकी पार्टी में ऐसा विरोध नहीं हुआ, जैसी धमालपट्टी बीजेपी में मची है. सीएम बोले कि बीजेपी के लोगों को तो दफ्तर के पिछले गेट से बाहर निकलना पड़ रहा है. कुछ नेताओं के टिकिट कटने पर सीएम ने कहा कि वे सीएम हों तब भी सभी फ़ैसले उनकी मर्जी से नहीं हो सकते.

बगावत के चलते हो रही सिर फुटव्वल
उधर अब तक अपनी पार्टी में बगावत के दाग छिपाने की कोशिश कर रही बीजेपी अब कांग्रेस की सिर फुटव्वल का मज़ा भी ले रही है और उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश भी कर रही है. कांग्रेस में 156 सीट पर नाम तय होने के साथ ही खण्डेला से सुभाष मील, करौली से दर्शन सिंह गुर्जर समेत कुछ नेताओं को कमल की गोद में बिठाने के लिए बीजेपी बांहे फैलाकर स्वागत करती दिखी. हालांकि बीजेपी में बगावत से इनकार और कांग्रेस की बगावत का इज़हार तो नारायण पंचारिया भी करते दिखते हैं.

बगावत को अनदेखा नहीं किया जा सकता
आमतौर पर जितना छोटा चुनाव होता है, उतनी ही बड़ी बगावत कई बार दिखती है. कई बार यह बगावत पार्टी के प्रत्याशी को फायदा पहुंचाती है तो कई बार नुकसान. लेकिन इतना ज़रूर तय है कि बगावत की बात को अपने बयानों में छोटा बताने या अनदेखा करने की कोशिश करने वाले नेता भी एक बारगी तो जीत को लेकर आशंकित हो ही जाते हैं.

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