Rajasthan News: बारां में किसान सम्मेलन हुआ आयोजित, MSP खरीद गारंटी कानून बनाने की उठी मांग
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Rajasthan News: बारां में किसान सम्मेलन हुआ आयोजित, MSP खरीद गारंटी कानून बनाने की उठी मांग

Baran News: राजस्थान के बारां जिले में मंगलवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें किसानों के आगे खड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही किसानों ने सरसों की एमएसपी पर खरीद लिमिट बढ़ाकर 15 मार्च से सरकारी खरीद शुरू करने की मांग की. 

Rajasthan News: बारां में किसान सम्मेलन हुआ आयोजित, MSP खरीद गारंटी कानून बनाने की उठी मांग

Rajasthan News: बारां के अटरू में कस्बे की कृषि उपज मंडी परिसर में मंगलवार को किसान महापंचायत के आह्वान पर किसान सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों ने भाग लिया. वक्ताओं ने किसानों की समस्याओं के जल्द समाधान की केंद्र और राज्य सरकार से मांग की. बता दें कि किसान सम्मेलन समारोह में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. 

केंद्र सरकार किसानों को झूठे वादे कर बेवकूफ बना रही 
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि भले ही देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति बदहाल है. कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं. वहीं, युवा खेती से दूर होकर शहरों में रोजगार के लिए भटक रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है. केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को खरीद गारंटी कानून बनाने, किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार करने जैसे झूठे वादे कर बेवकूफ बनाने का काम कर रही है. 

राजनीतिक मतभेदों के कारण बढ़ रही किसानों की परेशानी 
किसान सभा के अध्यक्ष दीनबंधु धाकड़, रमेश मीणा और नहरी संघर्ष समिति अध्यक्ष पवन यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया. वहीं, किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजनीतिक मतभेदों के कारण परवन वृहद सिंचाई परियोजना को पांच साल से लटका रखा है, जिससे परियोजना का निर्माण निर्धारित समय वर्ष 2022 में पूरा नहीं हो सका, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अटरू क्षेत्र के किसानों साथ नहर के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा वितरण में भेदभाव किया जा रहा है. 

सरकारी खरीद शुरू करने की मांग 
वहीं, जिलाध्यक्ष कैप्टन रघुवीर सिंह, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, और तहसील उपाध्यक्ष बाबूलाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार ने विदेशी पाम आयल आयात कर किसानों की कमर तोड़ दी है. वर्ष 2022 की तुलना में किसानों को सरसों पर तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने सरसों की एमएसपी पर खरीद लिमिट बढ़ाकर 15 मार्च से सरकारी खरीद शुरू करने की मांग उठाई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 और 22 में हुए फसल खराबे का मुआवजा पीड़ित किसानों को अभी तक भी नहीं दिया गया है. 

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