जवान की शहादत के 40 साल बाद मिला शहीद कर दर्जा, वीरांगना के छलके आंसू
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जवान की शहादत के 40 साल बाद मिला शहीद कर दर्जा, वीरांगना के छलके आंसू

साल 1983 में कश्मीर की बर्फ की वादियों में माइनस 50 डिग्री में वीरगति को प्राप्त हुए हाबूर जैसलमेर निवासी केसर सिंह की वीरांगना लेहरु कवर का टीम थार के वीर ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित शहीद स्मारक पर मान सम्मान किया. यह भी पढ़ें: सेना के जवान को पत्नी और सालों ने बेरहमी से मारा, मा

40 साल बाद पति को शहीद का दर्जा. वीरांगना को किया गया सम्मानित.

Sheo: साल 1983 में कश्मीर की बर्फ की वादियों में माइनस 50 डिग्री में वीरगति को प्राप्त हुए हाबूर जैसलमेर निवासी केसर सिंह की वीरांगना लेहरु कवर का टीम थार के वीर ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित शहीद स्मारक पर मान सम्मान किया.

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थार के वीर संस्थान के संयोजक रघुवीर सिंह तामलोर ने बताया कि 1983 से 2022 तक 40 सालों के लंबे इंतजार और थार के वीर संस्थान और तनोट वारियर्स के सामूहिक प्रयास से सीमा सुरक्षा बल और गृह मंत्रालय ने 40 साल बाद हाबूर निवासी अमर शहीद केसर सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान किया.

शहीद केसरसिंह की वीरांगना लेहरु कवर का शनिवार को शहीद का दर्जा मिलने पर सम्मान और बहूमान किया गया. वीरांगना जैसे ही बाड़मेर स्थित शहीद स्मारक पहुंची तो थार के वीर संस्थान के संयोजक रघुवीरसिंह तामलोर के नेतृत्व में टीम सदस्यों ने माल्यार्पण कर, शाल भेंट कर स्मृति चिन्ह प्रदान कर वीरांगना लहरू कंवर और पुत्र महेंद्रसिंह का सम्मान किया. 

जिला मुख्यालय बाड़मेर स्थित शहीद स्मारक पहुंचने पर वीरांगना ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया वही थार के वीर संस्थान की तरफ से शहीद परिवार का समय समय पर मान सम्मान करने का आश्वासन दिया गया.

हम सदैव शहीद परिवारों के साथ- तामलोर
थार के वीर संस्थान के वरिष्ठ सदस्य श्रवण खदाव ने बताया कि 40 साल के बाद मिले शहीद केसर सिंह के परिवार के साथ टीम थार के वीर सदैव खड़ी रहेगी. थार के वीर संस्थान के सदस्य प्रवीण सिंह मीठड़ी, कैलाश भाम्भू, विशाल परमार, लुम्बाराम गोयल,  नरेन्द्रसिंह तामलोर और निखिल जैन ने शहीद परिवार का सम्मान किया.

साथ ही संयोजक रघुवीर सिंह तामलोर ने तनोट वारियर्स के समादेष्टा जीएल मीणा से आग्रह कर कर शहीद परिवार को मिलने वाली सभी सुविधाओं के लिए गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष कर्नल मानवेंद्र सिंह को पत्र लिखने का आग्रह किया साथ ही शहीद परिवार को समय समय पर बीएसएफ और प्रशासन की तरफ से सम्मानित करने का भी आग्रह किया. इस दौरान संयोजक रघुवीरसिंह तामलोर ने कहा कि थार के वीर संस्थान हमेशा शहीद परिवारों के साथ खड़ी है. 

इस दौरान वीरांगना लेहरु देवी और उनके पुत्र महेंद्र सिंह ने थार के वीर संस्थान का विशेष आभार जताते हुए कहा कि तनोट वारियर्स और थार के वीर संस्थान के प्रयासों से हमें 40 साल बाद शहीद का दर्जा मिला है जिससे हमें खुशी महसूस हो रही है. हम चाहते हैं कि भारतीय सेना की तरह बीएसएफ से सेवाएं देने के बाद वीर गति को प्राप्त हुए अमर शहीद केसर सिंह के परिवार को भी भारतीय सेना के समक्ष सारी सुविधाएं मिले. इस दौरान थार के वीर के सदस्य मौजूद रहे. 

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