बाड़मेर : बच्चों के अश्लील वीडियो की बनाई सीडी, राय कॉलोनी से एक युवक गिरफ्तार
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बाड़मेर : बच्चों के अश्लील वीडियो की बनाई सीडी, राय कॉलोनी से एक युवक गिरफ्तार

Crime News : राजस्थान के बाड़मेर में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला सामने आया है. पिछले एक महीने में ऐसे मामलों में पुलिस ने दो बड़ी कार्रवाई की है. वीडियो डाउनलोड कर देखने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 

बाड़मेर : बच्चों के अश्लील वीडियो की बनाई सीडी, राय कॉलोनी से एक युवक गिरफ्तार

Barmer Crime News : चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वाले लोगों पर अब एनसीआरबी की टीम कड़ी नजर रख रही है. उनके खिलाफ लगातार पुलिस द्वारा सख्त कानूनी कार्रवाई कर रही है. बाड़मेर जिले में भी 1 महीने में कोतवाली थाना पुलिस ने दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने और डाउनलोड करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बाड़मेर कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम खावा ने बताया कि एनसीआरबी टीम दिल्ली चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर सख्ती से नजर रख रही है. जो लोग चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखते हैं और डाउनलोड करते हैं उनके खिलाफ एक टिप लाइन रिपोर्ट राजस्थान एटीएस को आती है. और एटीएस से बाड़मेर पुलिस अधीक्षक के पास आने के बाद संबंधित थाने में मामला दर्ज होता है जिसके तहत बाड़मेर में भी टिप लाइन से रिपोर्ट और सीडी प्राप्त हुई थी.

सीडी में पोर्नोग्राफी देखने और डाउनलोड करने का वीडियो और संबंधित व्यक्ति की सम्पूर्ण जानकारी होती हैं. जिसके बाद कोतवाली थाना पुलिस ने बाड़मेर शहर की राय कॉलोनी निवासी भवानी पुत्र हनुमान माली के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है. कोतवाली पुलिस आरोपी भवानी माली से गहन पूछताछ कर रही है और जिसको आज न्यायालय में पेश किया जाएगा.

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कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम ने आमजन से अपील की है कि सोशल साइट्स पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, डाउनलोड करना, सर्च करना,और फॉरवर्ड करना अपराध की श्रेणी में आता है और एनसीआरबी की टीम इस पर पूरी निगरानी रख रही है. इसलिए कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का कृत्य नहीं करें. बाड़मेर जिले में वर्ष 2022 में भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 20 मामले सामने आए थे जिसमे पुलिस ने खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाई की.

क्या कहता है कानून

चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखकर व्यक्ति इस तरह के अपराध को अंजाम दे सकता है. जिसकी वजह से इसे देखना, प्रचार प्रसार करना और इस तरह के वीडियो डाउनलोड करना अपराध की श्रेणी में आता है. इस पर साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र की ओर बनाए राइट्स ऑफ चिल्ड्रन को साल 2005 में भारत में भी लागू किया गया. इसके अलावा भारत में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्शुअल ऑफेंस्स एक्ट, 2012 के अनुसार चाइल्ड अब्यूज़ और एक्सप्लॉयटेशन से बच्चों के बचाने के लिए कानून बनाया गया है. इसमें 18 साल से छोटे बच्चों को सेक्शुअल हरासमेंट और पोर्नोग्राफी से जुड़े गुनाहों की सुरक्षा का प्रावधान है. इसके लिए कठोर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है.

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