गुड़ामालानी: कृषि उत्पादों के सुरक्षित भंडारण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, डॉ. प्रदीप पगारिया ने दी जानकारी
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गुड़ामालानी: कृषि उत्पादों के सुरक्षित भंडारण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, डॉ. प्रदीप पगारिया ने दी जानकारी

Gudamalani, Barmer: कृषि विज्ञान केंद्र गुडामालानी में एक दिवसीय कृषि उत्पादन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ है. इस कार्यक्रम में डॉ. प्रदीप पगारिया एसोसिएट प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने फसलों की कटाई और उनके भंडारण के बारे में विस्तार से बताया है.

 

गुड़ामालानी: कृषि उत्पादों के सुरक्षित भंडारण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, डॉ. प्रदीप पगारिया ने दी जानकारी

Gudamalani, Barmer: कृषि विज्ञान केंद्र गुडामालानी पर एक दिवसीय कृषि उत्पादन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बोलते हुए डॉ. प्रदीप पगारिया एसोसिएट प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने बताया कि फसलों की कटाई के बाद सबसे जरूरी काम अनाज भंडारण का होता है. अनाज के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की जरूरत होती है, जिससे अनाज को लंबे समय तक चूहे, कीटों, नमी, फफूंद आदि से बचाया जा सके. डॉ. पगारिया ने कहा कि भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 प्रतिशत तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है. अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई कर दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर जलाकर नष्ट कर दें. 

दीवारों, फर्श और जमीन आदि में यदि दरार हो तो उन्हें सीमेंट, ईट से बंद करे दें. टूटी दीवारों आदि की मरम्मत करानी चाहिए. डॉ. बी. एल. मीणा वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष ने सभी अतिथियों और किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि भण्डारण में होने वाली इस क्षति को रोकने के लिए किसान सुझावों को ध्यान में रखकर अनाज को भण्डारित कर सकते हैं. अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सूखा लेना चाहिए, जिससे दानों में 10 प्रतिशत से अधिक नमी न रहने पाए. अनाज में ज्यादा नमी रहने से फफूंद और कीटों का आक्रमण अधिक होता है. अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज करें, तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है. इसके बाद अनाज छाया में रखने के बाद ठंडा हो जाने के बाद ही भण्डार में रखना चाहिए.

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डॉ. गीतेश मिश्र ने बताया कि अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से 20 से 25 सेमी की ऊंचाई पर बांस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो. बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली स्थान रखना फायदेमंद होता है. गोदाम में पक्षियों और चूहों के आने-जाने के रास्ते को बंद कर देना चाहिए. इस दौरान गंगा राम माली, तुरफान खान, डॉ. रावता राम आदि उपस्थित रहे.

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