बारमेर: पहली बार किसी पुलिस जवान को घोड़े पर बैठाकर निकाली गई बिंदोली, जानें वजह
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बारमेर: पहली बार किसी पुलिस जवान को घोड़े पर बैठाकर निकाली गई बिंदोली, जानें वजह

आम तौर पर दूल्हे के लिए बिंदोली निकाली जाती है, लेकिन पहली बार बारमेर में किसी पुलिसकर्मी के लिए निकाली गई. पुलिस जवान के अच्छे व्यवहार को लेकर लोगों ने खुशी-खुशी विदाई दी. 

बारमेर: पहली बार किसी पुलिस जवान को घोड़े पर बैठाकर निकाली गई बिंदोली, जानें वजह

बाड़मेर: जिले के समदड़ी पुलिस थाना में कार्यरत कांस्टेबल जितेंद्रसिंह के हनुमानगढ़ स्थानांतरण होने पर थाना परिसर में विदाई समारोह आयोजन हुआ. जितेन्द्र सिंह का स्वभाव और काम करने का तरीका इतना सरल था कि वह आमजनों के बीच इतने घूल मिल गए थे कि लोगों ने उन्हें घोड़े पर बैठाकर बिंदोली निकाली. इस समारोह को देखकर हर कोई अचंभित था. पूरे परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था,  लोग फूल मालाएं साफे हाथों में लिए सुबह से खुशी और गम में पहना रहे थे.

आम तौर पर पुलिस के प्रति जनता का अलग ही मानस होता है, लेकिन जितेन्द्रसिंह ने आम जन में विश्वास को लेकर एक अलग जगह बना रखी थी कईं मामले अपने कार्यकाल में आपसी समझाइश से निपटाए तो कही क्राइम मामलों में अहम भूमिका निभाते हुए उच्च अधिकारियों के कार्य मे सहूलियत की सोमवार शाम 5 बजे आयोजित हुए विदाई समारोह में समदड़ी जेठन्तरी ,पारलु ,कनाना लालाना  सहित आस केे सैकड़ो ग्रामीणों ने पहुंचकर विदाई दी.

थानाधिकारी दाऊद खां सहित गणमान्य नागरिकों ने उनकी उपलब्धियों ओर प्रकाश डाला वही जितेन्द्रसिंह ने ग्रामीणों के अपार प्रेम का आभार व्यक्त किया उन्होंने बताया कि घर से दूर कभी महसूस नहीं हुआ समदड़ी की जनता ने बच्चे की तरह प्रेम दिया.

 

कार्यक्रम के उपरांत घोड़ी पर बिठाकर डीजे की धुन पर नाचते गाते हुए गली मोहल्ले मुख्य मार्ग से बंदोली की तरह विदाई दी गई. ऐसा लग रहा था जैसे मानो कोई दूल्हा सज धज कर बाराती नाचते हुए निकल रहे हो. पुलिस थाना में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी कॉन्स्टेबल की विदाई समारोह थानाधिकारी से भी बेहतर हुआ आज दिन तक के रिकॉर्ड में ऐसा विदाई समारोह कभी किसी पुलिस के जवान का नहीं हुआ.

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