Success Story : आपकी कामियाबी आपकी खुद की मेहनत पर निर्भर करती है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो ना सिर्फ मेहनत कर रहे होते हैं ,बल्कि अपनी किस्मत से भी रोज लड़ रहे होते हैं. ऐसी ही कहानी ही रेखा राम मेघवाल (Rekha Ram Meghwal)ही. रेखा राम तपती दोपहरी में सीमेंट के कट्टे उठाता और फिर थक कर जब घर पहुंचता तो सिर्फ रात ही बचती थी. जिसमें वो कुछ पढ़ सकता था.
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Success Story : आपकी कामियाबी आपकी खुद की मेहनत पर निर्भर करती है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो ना सिर्फ मेहनत कर रहे होते हैं ,बल्कि अपनी किस्मत से भी रोज लड़ रहे होते हैं. ऐसी ही कहानी ही रेखा राम मेघवाल ही. रेखा राम तपती दोपहरी में सीमेंट के कट्टे उठाता और फिर थक कर जब घर पहुंचता तो सिर्फ रात ही बचती थी. जिसमें वो कुछ पढ़ सकता था.
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पैसे नहीं थे तो दोस्तों से उधार लिया और एग्जाम देने दूसरे शहर सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए हुंचा. रेखा राम ने विज्ञान और गणित विषय में परीक्षा दी. जब वो वापस लौट रहा था, तो मन में कई ख्याल आए होंगे. कई सपने बुने होंगे. फिर सोचा होगा कि खैर अभी परीक्षा का परिणाम आने में समय है. और फिर हमेशा की तरफ रेखा राम मेघवाल पेट पालने के लिए मजदूरी करने लगा.
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फिर वहीं दिनभर तपती धूप में सीमेंट के कट्टे यहां से वहां ले जाना. टूटी कमर के साथ, दिन की दिहाड़ी लेकर थके हारे घर पहुंचना और थोड़े आराम के बाद दिमाग की कसरत करना. रात में पढ़ाई अब रेखा राम की आदत बन चुकी थी. हमेशा की तरह वो सुबह अपने काम पर सीमेंट के कट्टे उठा रहा था, की रेखा राम को किसी ने उसके पास होने की खबर दी.
अब रेखा राम मेघवाल सेकंड ग्रेड टीचर बन चुका था. रेखा राम की कामियाबी को धौलपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया. जिसके बाद से रेखा राम मेघवाल सोशल मीडिया स्टार हो गया. सब उसके पास पहुंचकर उसकी मेहनत की तारीफ करते हैं और दूसरों को रेखा राम से सीखने की नसीहत देते है.
"आख़िर मेहनत कभी बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हो लेकिन हमें उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए| जब रीट लेवल-2 गणित विज्ञान का परिणाम आया और रेखाराम मेघवाल का चयन हुआ तब वह तपती धूप में सीमेंट का ट्रक खाली कर रहा थे pic.twitter.com/Es9pX8Dl1K
— Dholpur Police (@DholpurPolice) June 9, 2023
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रेखा राम ने बताया की उसकी भी इच्छा थी कि वो भी ट्यूशन या कोचिंग ले. लेकिन इतना पैसा कहां था. किसी तरह दोस्तों की मदद से नोट्स बन जाते थे और रात की पढ़ाई के बाद रीट का एग्जाम क्लियर हो गया. रेखा राम मेघवाल की कामयाबी के बाद से उसे बधाई देने वाला तांता लगा है.
उम्मीद है की जिन बच्चों को रेखाराम मेघवाल जैसा शिक्षक मिलेगा. उनमें भी रेखाराम जैसे ही गुण आए और वो भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसी हद तक मेहनत करें जो रेखाराम ने की.