भरतपुर: मनुराज - दिव्यांश ने America got Talent में मचाई धूम, अगले सीजन का भी मिला ऑफर
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भरतपुर: मनुराज - दिव्यांश ने America got Talent में मचाई धूम, अगले सीजन का भी मिला ऑफर

Bharatpur: मनुराज बासुरी बजाते हैं और उनके साथी दिव्यांश मुंह से अलग-अलग म्यूजिक निकालते हैं. मनुराज ने बताया कि अमेरिका के लोगों  के जरिए  उन्हें काफी समर्थन मिला. 

भरतपुर: मनुराज - दिव्यांश  ने America got Talent में मचाई धूम, अगले सीजन का भी मिला ऑफर

Bharatpur News: भरतपुर शहर के गोपालगढ़ इलाके में रहने वाले मनुराज ने अपनी बासुरी बजाने की कला से पूरे देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी भरतपुर का नाम रोशन किया है. मुंबई में इंडिया गोट टेलेंट जितने के बाद उन्होंने अमेरिकाज गोट टेलेंट में  भी अपने साथी दिव्यांश के साथ लॉस एंजिल्स में धूम मचा दी है. देश  ही नहीं विदेश के  लोग भी  इस जोड़ी को बेहद पसंद कर रहे हैं. अमेरिकाज गोट टेलेंट में भाग लेने के बाद मनुराज सिंह भरतपुर पहुंचे.

उन्होंने अमेरिका गोट टेलेंट के बारे में बताया कि, इस कार्यक्रम में 22 देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिसमें सभी  प्रतभागियों ने अपनी अलग-अलग प्रतिभाओं से जजों का दिल जीता. वहीं मनुराज और उनके साथी दिव्यांश  के टेलेंट को भो लॉस एंजिल्स में काफी सराहना मिली. 

बता दें कि मनुराज बासुरी बजाते हैं और उनके साथी दिव्यांश मुंह से अलग-अलग म्यूजिक निकालते हैं. मनुराज ने बताया कि अमेरिका के लोगों  के जरिए  उन्हें काफी समर्थन मिला. उन्हें उम्मीद है कि, उनकी जोड़ी को जरूर सफलता मिलेगी.

मनुराज ने बताया कि, अमेरिकाज गोट टेलेंट में ऑल स्टार के सभी प्रतिभागियों में सबसे ज्यादा वायरल परफॉर्मेंस मनुराज और दिव्यांश की मानी गई है. मनुराज और दिव्यांश ने इंडिया गोट टेलेंट सीजन 9 में भी जीत हासिल की थी.

मनुराज ने बताया कि, अमेरिकाज गोट टेलेंट में अभी हम हिंदुस्तानी म्यूजिक को रिप्रिजेंट करके आये हैं. यह भारत की तरफ से पहला मौका है कि, कोई हिंदुस्तानी संगीत को वहां परफॉर्म करके आया है. अभी तक हमारी तरफ से सबसे अच्छी परफॉर्मेंस हमारे शास्त्रीय संगीत और फ्यूजन म्यूजिक की थी. अभी तक सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली परफॉर्मेंस बन चुकी है. अब वह हमें अगले सीजन के लिए बुला रहे हैं.

मनुराज ने बताया कि, मैं राज्य सरकार यह निवेदन करना चाहता हूं कि कलाकारों को थोड़ा सहयोग करेंगे तो उन्हें आगे बढ़ने में परेशानी नहीं होगी. हमने मुंबई के पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के गुरुकुल वृंदावन  में सीखा है. मैं चाहता हूं कि राजस्थान में ऐसी कोई सहायता मिले की कोई गुरुकुल बना सके कि हम शास्त्रीय  संगीत को गुरुकुल पद्धिति से संगीत की सेवा कर पाएं.  उसे बढ़ा पाए. साथ ही युवाओं को यह कहना चाहूंगा कि, आप जितना हो सकता है अच्छा कीजिए, माता पिता का आदर कीजिये, जरूर सफलता मिलेगी.

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