Dholpur के देव छठ मेले पर जिला प्रशासन की रोक, श्रद्धालुओं में भारी निराशा
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Dholpur के देव छठ मेले पर जिला प्रशासन की रोक, श्रद्धालुओं में भारी निराशा

ऋषि पंचमी से लगने वाले दो दिवसीय देव छठ मेले (Dev Chhath fair) पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है.

प्रतिकात्मक तस्वीर.

Dholpur: जिले में ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) से लगने वाले दो दिवसीय देव छठ मेले (Dev Chhath fair) पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड (Machkund) पर लगने वाले लक्खी मेले में श्रद्धालुओं की लाखों की तादाद में भीड़ उमड़ती है. लेकिन राज्य सरकार (State Government) के आदेशों की पालना में कोरोना संक्रमण (Covid) की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. कुछ श्रद्धालुओं ने तीर्थराज मचकुंड (Machkund) पर पहुंचने का भी प्रयास किया. लेकिन पुलिस और प्रशासन ने समझाइश कर उन्हें वापस लौटा दिया. 

कोरोना गाइडलाइन की पालना में इस वर्ष भी ऋषि पंचमी से लगने वाला देव छठ मेला नहीं लग सका. सुबह से ही पुलिस और प्रशासन की टीम मंदिर परिसर (temple complex) पर तैनात की गई थी. प्रशासन की रोक के बावजूद भी कुछ महिला एवं पुरुष श्रद्धालु तीर्थराज मचकुंड पर स्नान और पूजा अर्चना करने पहुंचे थे. लेकिन पुलिस और प्रशासन ने समझाकर उन्हें वापस लौटा दिया. मंदिर परिसर को पूरी तरह से खाली करा दिया गया है. मंदिर पर जाने वाले सभी रास्तों को अवरोधक लगाकर बंद कर दिया गया है, साथ में भारी तादाद में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.

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जिले में ऋषि पंचमी से तीर्थराज मचकुंड पर लगने वाला 2 दिवसीय देव छठ का मेला सबसे बड़ा माना जाता है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं दिल्ली तक के श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण को रणछोड़ नाम इसी स्थान से मिला था. कालिया वन नाम के राक्षस का वध इसी स्थान पर किया गया था. पौराणिक मान्यता (Mythological Belief) के अनुसार नवविवाहित वर वधु की कलंगी एवं मोहरी का विसर्जन तीर्थराज मचकुंड के सरोवर में किया जाता है. जिससे दांपत्य जीवन (Married life) में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है. 

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महिला और पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा ब्राह्मण भोज करा कर दान पुण्य किया जाता है. पुण्य लाभ करने से भगवान मचकुंड सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते हैं. देव छठ मेले पर रोक लगने के बाद श्रद्धालुओं में भारी निराशा देखी गई है. अधिकांश श्रद्धालु पूजा की सामग्री लेकर मंदिर पर पहुंचे थे. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को देख प्रशासन का रुख सख्त हो गया है. पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं को बिना पूजा-अर्चना किए वापस लौटा दिया है. जिससे श्रद्धालुओं में भारी निराशा देखी गई है.
Report- BHANU SHARMA

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