उपखंड मुख्यालय बौंली में चार दिनों में 28 एमएम बारिश यहां दर्ज की जा चुकी है, जो फसलों के लिए फायदेमंद बताई जा रही है. बारिश से किसानों (Farmers) को महंगी कृत्रिम सिंचाई के विद्युत और डीजल खर्च से निजात मिलेगा.
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Sawai Madhopur: राजस्थान के सवाईमाधोपुर (Sawai Madhopur News) के उपखंड क्षेत्र बौंली में आसमानी राहत अब आफत की शक्ल में तब्दील होती नजर आ रही है. कल तक जो आसमानी बूंदें फसलों के लिए अमृत बनी हुई थी बीती रात हुई ओलावृष्टि के चलते अब काल बन चुकी है.
उपखंड मुख्यालय बौंली में चार दिनों में 28 एमएम बारिश यहां दर्ज की जा चुकी है, जो फसलों के लिए फायदेमंद बताई जा रही है. बारिश से किसानों (Farmers) को महंगी कृत्रिम सिंचाई के विद्युत और डीजल खर्च से निजात मिलेगा.
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वहीं बीती रात आठ बजे मित्रपुरा तहसील क्षेत्र में धरतीपुत्रो के खिले चेहरे एकाएक मायूसी के आगोश में उस वक्त चले गए, जब बारिश के साथ चने और बेर के आकार के ओले गिरने लगे. मित्रपुरा के मोरण, मानपुर, कुटका, रूंगटी और मझेवला, नानतोडी सहित दर्जनभर गांवों में करीबन आधा घंटे चले बारिश के दौर के साथ ओलावृष्टि हुई.
किसानों की माने तो ओलावृष्टि से उनकी उम्मीदें खत्म सी हो गई हैं. ओले गिरने के चलते विभिन्न गांवों की फसलों में 10 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक का नुकसान बताया जा रहा है. वहीं किसान नरेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश आदि ने बताया कि कहीं 5 मिनट तो कहीं 15 मिनट तक रूक-रूक कर ओलावृष्टि हुई. एकाएक ओले गिरने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया. बताया जा रहा है कि रबी की फसलों में गेहूं, चना और सरसों में सर्वाधिक नुकसान आशंकित है. स्थानीय किसानों ने प्रशासन से शीघ्र ही मौका मुआयना कर फसल खराबे की गिरदावरी करने और किसानों को मुआवजा देने की मांग की है.
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वहीं बौंली क्षेत्र में अब तक में हुई बारिश फसलों के लिए अनुकूल साबित हो रही है. वहीं लगातार बारिश के चलते सर्दी के तेवर तीखे होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. चार दिनों से बदले मौसम के मिजाज के चलते सर्दी पूर्ण यौवन पर है, साथ ही धूप न खिलने से दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है.
Reporter- Arvind Singh