मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी खाद की समस्या से जूझ रहे किसान, महिलाएं भी हैं कतार में, फिर भी हाथ खाली
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मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी खाद की समस्या से जूझ रहे किसान, महिलाएं भी हैं कतार में, फिर भी हाथ खाली

अब खाद के लिए महिलाओं को भी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है और पुलिस के पहरे में खाद का वितरण हो रहा है. 

फिर भी हाथ खाली

Bharatpur: जिले में खाद की कालाबाजारी की गूंज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा मे सुनाई देने के बाद भी अभी तक जिला प्रशासन के अफसर खाद की कालाबाजारी रोकने में कामयाब होते नजर नहीं आ रहे हैं, हालांकि जिला प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है सब कुछ कंट्रोल में है, लेकिन जो बातों के साथ तस्वीरे सामने आ रही है वह हैरान करने वाली है.

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अब खाद के लिए महिलाओं को भी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है और पुलिस के पहरे में खाद का वितरण हो रहा है. बाजार में तो इसका ब्लैक जारी है. यह हम नहीं कह रहे, ये सरकार के मंत्री कह रहे है कि कैसे भरतपुर से खाद सीमावर्ती राज्य यूपी में ब्लैक किया जा रहा है और वहां से वापिस ब्लैक में आकर बिक रहा है. बाजार का तो यह हाल है और जिन क्रय विक्रय समितियों द्वारा खाद का वितरण किया जा रहा है, वहां पर भी लोडिंग अनलोडिंग के नाम पर निर्धारित दर से ज्यादा वसूली की जा रही है. 

साथ ही कलेक्टर के निर्देश पर जब भरतपुर एसडीएम जांच के लिए पहुंचे तो इसका खुलासा भी हो गया. यह स्थिति तब है जब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुम्हेर के पला में खाद की कालाबाजारी करने वालों और बेईमानों को जैल में डाल बंद करने की बात कहते हुए कलेक्टर और एसपी को निर्देश दे चुके हैं. 

भरतपुर शहर विधायक और राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कल खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों की बैठक बुलाई और निर्देश दिए, लेकिन फिर भी चारों तरफ जिले में खाद को लेकर किसान परेशान हैं और सिस्टम फैल होता नजर आ रहा है, जिसके पीछे कांग्रेज का तर्क यह है कि खाद की जो रैक मिलनी थी वह भरतपुर को मिली नहीं, जबकि भाजपा कह रही है. राज्य सरकार ने समय पर डिमांड नहीं भेजी, इसलिए यह हालत पैदा हो रहे हैं. कारण जो भी हो, लेकिन जिन किसानों की बेहतरी की बात भाजपा और कांग्रेस दोनों करती हो और उस किसान को अपनी फसल के लिए खाद भी समय पर नहीं मिले तो किसानों की तरक्की की बात करना बेमानी है.

Reporter: Devendra Singh

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