भरतपुर में महिला नर्सिंगकर्मियों ने भैंस के आगे बजाई बीन, क्या इन तीन मांगों पर गौर करेगी गहलोत सरकार
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भरतपुर में महिला नर्सिंगकर्मियों ने भैंस के आगे बजाई बीन, क्या इन तीन मांगों पर गौर करेगी गहलोत सरकार

Bharatpur: भरतपुर में पिछले 1 मई से महिला नर्सिंगकर्मियों का धरना जारी है. बुधवार को महिला नर्सिंगकर्मियों ने सरकार को नींद से जगाने के लिए भैंस के आगे बीन बजाकर अनूठा प्रदर्शन किया है.

भरतपुर में महिला नर्सिंगकर्मियों ने भैंस के आगे बजाई बीन, क्या इन तीन मांगों पर गौर करेगी गहलोत सरकार

 Bharatpur: भरतपुर में पिछले 1 मई से महिला नर्सिंगकर्मियों का धरना जारी है. बुधवार को महिला नर्सिंगकर्मियों ने सरकार को नींद से जगाने के लिए भैंस के आगे बीन बजाकर अनूठा प्रदर्शन किया. इससे पहले महिला नर्सिंगकर्मी हनुमान चालीसा का पाठ, भजन, हवन भी कर चुकी हैं, लेकिन पिछले 17 दिनों से चल रहे धरने के बाद भी सरकार ने अभी तक महिला नर्सिंगकर्मियों की तीन मांगों पर कोई गौर नहीं किया है.

ग्रेड-पे 28 सौ बढ़ाकर 36 सौ की जाए

महिला नर्सिंगकर्मियों की मांग है कि, उनकी ग्रेड-पे 28 सौ बढ़ाकर 36 सौ की जाए, दूसरी मांग है कि, महिला नर्सिंगकर्मियों का पदनाम बदला जाए, और तीसरी मांग है कि, सरकार ने ANM के पद खत्म कर दिए हैं. उन्हें फिर से शुरू किया जाए. जिसको लेकर महिला नर्सिंगकर्मी पिछले 17 दिनों से धरना दे रहीं हैं.17 दिन बाद पूर्व CMHO कप्तान सिंह महिला नर्सिंगकर्मियों के समर्थन में पहुंचे.

घर-घर जाकर सर्वे किया

पूर्व CMHO कप्तान सिंह ने कहा कि, ANM और LHV ने कोरोनाकाल में घर-घर जाकर सर्वे किया. लोगों की सेवाएं की, कोरोना काल में सभी अधिकारी घरों में बंद थे. उस समय सरकार इनकी बहुत बढ़ाई कर रही थी.

इतनी धूप में सभी महिलाएं बैठी हुईं हैं, लेकिन अभी तक यहां कोई नहीं आया. मंत्री सुभाष गर्ग भरतपुर रोजाना आते हैं. सरकार को सिर्फ अपने प्रचार से मतलब होता है, किसी से कोई मतलब नहीं है. कोई नुमाइंदा आकर बात तो करें, सरकार को इसमें गंभीरता दिखाए. मेडिकल के ग्रासरूट के वर्कर है.

17 दिन से हम यहां धरना दे रहे हैं

राजस्थान राज्य LHV/ANM एसोशिएशन की उपाध्यक्ष सरोज कुंतल ने कहा कि, 17 दिन से हम यहां धरना दे रहे हैं. यहां गर्मी में हमारी बहनें बैठी हुई हैं. कई बार यह बेहोश भी हो जाती हैं. यह इतनी परेशान हो रहीं हैं लेकिन, गहलोत सरकार के सिर पर जूं तक नहीं रेंग रही.

आज भैंस के आगे बीन बजाई है. इससे यह प्रतीत होता है कि, जिस तरह भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा उस तरह सरकार पर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा. हमारे साथ अत्याचार हो रहा है. हमारी सरकार अब भी नहीं मानती तो आंदोलन और भी उग्र किया जाएगा.

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