सांसद डॉ. मनोज राजोरिया (Manoj Rajoria) ने न्यायालयों के निर्णय अंग्रेजी के साथ-साथ राजभाषा हिंदी और राज्यों की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी परिवादियों को उपलब्ध कराने की मांग रखी.
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Dholpur: सांसद डॉ. मनोज राजोरिया (Manoj Rajoria) ने न्यायालयों के निर्णय अंग्रेजी के साथ-साथ राजभाषा हिंदी और राज्यों की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी परिवादियों को उपलब्ध कराने की मांग रखी. इसके साथ ही डा. मनोज राजोरिया ने लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान न्यायालयों के डिजीटलीकरण से संबंधित ई-कोर्ट परियोजना के संबंध में प्रश्न पूछे.
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सांसद ने बताया कि देश के सुप्रीम कोर्ट एवं विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट (High Court) में मुकदमों के फैसले मुख्यतः अग्रेजी भाषा में ही दिये जाते हैं. इसके चलते परिवादियों को कोर्ट के फैसलों एवं कार्यप्रणाली को समझने में समस्या होती है. जिसे लेकर मेरी सरकार से मांग है कि कोर्ट के फैसले अंग्रेजी के साथ-साथ राजभाषा हिन्दी और अन्य राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध करवाई जाए.
सांसद राजोरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के महत्व को समझते हुए कोर्टों के डिजीटलीकरण हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया है. बीते समय में कोरोना के चलते उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में देश के सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्य एवं नीचे जिला स्तर तक न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई करते हुए परिवादियों को समय पर न्याय पहुंचाने का प्रयास किया है. इसमें सुप्रीम कोर्ट में लगभग 1,50,000 वर्चुअल सुनवाई, देश के विभिन्न राज्यों के हाई कोर्टों में लगभग 55 हजार वर्चुअल सुनवाई और अन्य अधीनस्थ कोर्टों में लगभग 1 करोड़ 50 लाख सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई हैं.
Report-Bhanu Sharma