Bhilwara News: गहलोत सरकार रेवड़ियां नहीं राहत बांटती है. यह कहना है भीलवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ महेश जोशी का. जोशी शनिवार को जिला कलेक्ट्री सभागार में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
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Bhilwara: सूबे की गहलोत सरकार रेवड़ियां नहीं राहत बांटती है. यह कहना है भीलवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ महेश जोशी का. जोशी शनिवार को जिला कलेक्ट्री सभागार में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
प्रभारी मंत्री जोशी आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बचत, राहत, बढ़त को लेकर प्रेस वार्ता की संबोधित कर रहे थे. उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय सभागार में कहा कि राज्य सरकार ने लोगों के जीवन को सुगमता से जीने के लिए कई प्रयास किए है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार का पहला बजट अच्छा था, दूसरा उससे बढ़कर और पांचवां तो ऐतिहासिक रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष कुछ भी बोले, आरोप लगाए लेकिन हम बचत और राहत के साथ विकास के कार्य कर रहे हैं.
उनका कहना था कि चिरंजीवी योजना एक एसी योजना है, जिसके लिए आम आदमी तो आदमी विपक्ष के लोग भी यह कहते हुए नहीं थकते कि आपके मुख्यमंत्री ने यह अच्छा काम किया है. जोशी ने चिरंजीवी योजना के लाभ बताते हुए कहा कि सरकार अब प्रदेश के बाहर भी ट्रांसप्लांट के लिए सारा खर्चा उठायेगी. यह एक अद्भुत योजना है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा कुछ भी कह सकती है लेकिन उनके आरोप से हम विचलित नहीं है. हम आत्मविश्वास के साथ लबरेज है. उन्होंने कहा कि विपक्ष अफवाह फैलाने में माहिर है.
बैठक के दौरान प्रभारी जोशी ने कहा कि भ्रष्टाचार का कोई भी मामला सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. बता दें कि भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में खनन एरिया के बीच वन विभाग की बेशकीमती 227.10 बीघा जमीन राजस्व मंडल अजमेर ने निजी लोगों के नाम कर दी. यह आदेश 20 जनवरी को जारी किया गया है. खास बात यह है कि प्रदेश का संभवतया ऐसा पहला मामला है, जिसमें इतनी बड़ी जमीन को वन भूमि से निजी लोगों के नाम किया है.
जबकि वन विभाग के अधिकारियों को भनक लगी तो मांडलगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी दशरथ सिंह ने 9 फरवरी को बिजौलिया एसडीएम और तहसीलदार को आपत्ति दर्ज कराते हुए लिखा कि यह जमीन खातेदारों के नाम दर्ज नहीं करें, क्योंकि यह वन विभाग के नाम पर है. राजस्व विभाग ने सीलिंग कानून को भी दरकिनार कर वन क्षेत्र की जमीन को खातेदारों के नाम दर्ज करने का आदेश दिया वह नया नगर सैंड स्टोन खनन एरिया में है.
इस एरिया में यहां पर सबसे अच्छी क्वालिटी का सैंड स्टोन पत्थर है. 227.10 बीघा जमीन में बहुत कम गहराई से सैंड स्टोन निकलना शुरू हो जाता है . पीपुल्स फॉर एनीमल्स के बाबूलाल जाजू ने भी इस मामले को उठाते हुए कहा था कि इस जमीन पर हजारों की संख्या में पेड़ हैं. वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार करीब 50 हजार पेड़ हैं. वन विभाग की और से लिखित में की गई आपत्ति में उन्होंने लिखा कि इस जमीन पर सघन वन है और इसमें पैंथर, भालू, सियार, नीलगाय, अजगर सहित कई वन्यजीव हैं.
उधर, मांडलगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी का पत्र मिलने के बाद बिजौलिया तहसीलदार ने यह जमीन खातेदारों के नाम दर्ज करने की कार्रवाई रोक दी है. राजस्व मंडल के आदेश पर बिजौलिया एसडीएम सीमा तिवारी ने प्रकरण की एंट्री कर ली है लेकिन आगे की कार्रवाई रोकते हुए इस मामले में कलेक्टर आशीष मोदी को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी है.
एसडीएम की रिपोर्ट में भी वन विभाग की जमीन खातेदारों के नाम दर्ज करने को गलत माना है. मंत्री द्वारा इस मामले की जांच कराने की बात कहने के बाद कई लोगों में खलबली मची हुई है. बैठक के दौरान सहाड़ा विधायक गायत्री देवी, विधानसभा प्रत्याशी अनिल डांगी, जिला कलक्टर आशीष मोदी, पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.