Jahazpur, Bhilwara news: भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर क्षेत्र से निकलने वाली बनास नदी पर लीज धारकों के जरिए लीज होने के बाद नियमों को ताक में रखकर 10 फीट से अधिक गहरा खनन कर बजरी का दोहन किया जा रहा है.
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Jahazpur, Bhilwara news: भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर क्षेत्र से निकलने वाली बनास नदी पर लीज धारकों के जरिए लीज होने के बाद नियमों को ताक में रखकर नदी से 10 फीट से अधिक गहरा खनन कर बजरी का दोहन किया जा रहा है. लीज होने के कुछ दिनों में ही लीज धारको के जरिए बनास नदी में बजरी निकालने के लिए एलएनटी जेसीबी लगाकर बड़ी-बड़ी खाईया बना दी जो कि 10 फीट से भी अधिक है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके चलते लीज धारकों के हौसले बुलंद हैं.
वहीं, बजरी लीज धारक के जरिए कृषि भूमि का बिना रूपांतरण किए गैर कृषि/ व्यवसायिक कार्य में उपयोग लेने, धर्म कांटों का अवैध संचालन कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा जा रहा है. बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी आंखें बंद कर बैठे हैं.
सार्वजनिक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे अथॉरिटी की बिना स्वीकृति के सड़क सीमा पर धर्म कांटे स्थापित कर अवैध रूप से काम का संचालन करने की कारगुज़ारी की जा रही है लेकिन ना ही तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने रोकने व टोकने की जहमत उठाई है ओर ना ही सार्वजनिक निर्माण विभाग के नुमाइंदों ने इसमें अपनी रूचि दिखाई है.
क्षेत्र में आए दिन बजरी वाहन चालकों के साथ में लड़ाई झगड़ा मारपीट की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. मानों क्षेत्र में जंगलराज कायम हो. लीज धारक के कार्मिकों द्वारा लोगों से मारपीट करने से कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है बावजूद इसके कानून के कारिंदे द्वारा कार्रवाई अमल में नहीं लाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह तो अंकित करता ही है|
लीज धारक द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. लीज धारक को नदी के तल से 10 फीट की गहराई तक बजरी निकालनी है लेकिन खनिज विभाग द्वारा बनास नदी के तल को निर्धारित नहीं किया गया है जिससे लीज धारक मनमानी कर नदी में जेसीबी एलएनटी से वाहनों के माध्यम से नदी में गहरे खड्डे खोद कर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे है. वही लीज धारक के कर्मचारियों द्वारा बजरी की गाड़ियों का अंडर लोड रवाना दिया जाता है और रवाने की आड मे डम्परो व गाडीयो मे ओवर लोड बजरी भरके सरकार को चुना लगा रहे है|
वही लीज धारके क्रमचारीयो द्वारा 500 रूपये प्रति टन बजरी की अवैध राशि वसूल की जा रही है जबकि सरकारी रेट 70 रूपये टन ही है| इसकी जानकारी सभी अधिकारियों को होने के बाद भी किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है इससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठता है.
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