Bhilwara news: शहर सहीत ग्रामीण क्षैत्रों में मंगलवार को गोवर्धन पूजन महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आज सवेरे ही अपने घरों में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन महाराज की आकृति बनाई गई.
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Bhilwara news: शहर सहीत ग्रामीण क्षैत्रों में मंगलवार को गोवर्धन पूजन महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आज सवेरे ही अपने घरों में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन महाराज की आकृति बनाई गई. पारंपरिक परिधानों में सजधज कर छोटे-छोटे समूह में पूरे विधि-विधान के साथ महिलाओं ने गोवर्धन महाराज की सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामनाएं की.
गोवर्धन की परिक्रमा कर किया भजन
इस दौरान महिलाओं ने सामूहिक रूप से गोवर्धन की परिक्रमा करके भगवान गोवर्धन के भजन सहित अनेक लोकगीत गाए तथा अपने परिवार की सुख-समृद्धि व शांति के लिए आशीर्वाद मांगा. महिलाओं ने लोक प्रचलित कथाएं सुनाई.जयपुर के सभी प्रमुख मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में अन्नकूट बनाकर ठाकुरजी को भोग लगाया
इंद्रदेव का अहंकार दूर करने के लिए भगवान कृष्ण पर्वत
शहर के समीप हरणी गांव में गोवर्धन पुजा कर रही महिला सुशीला देवी ने पुजन का महत्व बतात हुये कहा की गोवर्धन पूजा का महत्व - भगवान कृष्ण के द्वारा इंद्रदेव का अहंकार दूर करने के स्मरण में गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण की ओर से ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज के समस्त नर-नारियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी.
प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं लोग
यहीं कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ भगवान कृष्ण के पूजन का भी विधान है.गोवर्धन की पूजा करके लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते है. ब्रज वासियों को इंद्र देवता के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर उठाकर बृजवासियों को गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण दी थी.