एक कलेक्टर ऐसा भी..बच्चियों के लिए डीएम कलाल की अनोखी पहल, मुहिम से बदल रही तस्वीरें
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एक कलेक्टर ऐसा भी..बच्चियों के लिए डीएम कलाल की अनोखी पहल, मुहिम से बदल रही तस्वीरें

अभियान के तहत स्कूलों में गुड टच बैड टच और माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रति जागरुकता का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसलिए जिला स्तर पर एक हजार अध्यापक, जिनमें पांच सौ महिला और इतने ही पुरुष अध्यापक हैं, को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है.

एक कलेक्टर ऐसा भी..बच्चियों के लिए डीएम कलाल की अनोखी पहल, मुहिम से बदल रही तस्वीरें

 

बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर में एक ऐसा अभियान चलाया जा रहा है जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती लेकिन इस कल्पना को साकार कर रहे हैं बीकानेर के कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल. जिन्होंने प्रदेश को शक्ति प्रदान करने में लिए शक्ति अभियान चला दिया है. ऐसे में इस अभियान ने बच्चियों के जन्म को उत्सव में बदला है. वहीं, लिंगानुपात को बढ़ाने, एनिमिया फ़्री, गुड टच-बेड टच ओर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के साथ साथ जिले में बच्चियों को लेकर सोच को ही बदल दिया है. बेटियों को आगे बढ़ने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर शक्ति अभियान चलाया जा रहा है.

जिले में वर्ष 2019-20 में जिले में एक हजार बच्चों की तुलना में 978 बेटियां जन्मी, वर्ष 2020-21 में यह संख्या घटकर 970 और 21-22 में 962 ही रह गई. इसी प्रकार नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, देश में 18 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 54.7 तो बीकानेर में 59.4 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से ग्रसित पाई गई. इससे भी गंभीर बात यह थी कि 46.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनिमिक रिपोर्ट हुई.

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 नारी शक्ति को और सशक्त बना रहा शक्ति अभियान

इन सभी चीजों को ध्यान रखते हुए जिले में शक्ति अभियान प्रारम्भ हुआ. इसके तहत बेटी के जन्म को उत्सव की तरह मनाने के लिए प्रत्येक बेटी के जन्म पर उसकी मां को सहजन फली का पौधा दिया जाता है. साथ ही जिला प्रशासन की ओर से एक शुभकामना संदेश भी भेजा जाता है. इसके लिए बड़ी संख्या में पौधे तैयार करवाए गए हैं.

इसी प्रकार जिले के बालिका स्कूलों में आई एम शक्ति कॉर्नर तथा को-एजुकेशन स्कूलों में वॉल ऑफ इंसपिरेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें इंदिरा गांधी, इंदिरा नूई, सरोजनी नायडू, लता मंगेशकर, अवनी लेखरा और अल्लाई जिलाई बाई जैसी बारह महिलाओं की जीवनी वॉल पेंटिंग करवाई गई है. इसका उद्देश्य है कि बच्चियां आगे बढ़ने के लिए इन महिलाओं से प्रेरणा लें और बेटों में महिलाओं के प्रति सम्मान बढ़े.

इसी श्रृंखला में जिला प्रशासन द्वारा मासिक ई-शक्ति मैगजीन का प्रकाशन किया जा रहा है. इसके तहत सफल महिलाओं की कहानियों को संकलित करते हुए इनका प्रकाशन किया जा रहा है. इस ई-मैगजीन को व्हाट्सएप्प ग्रुप और वेबसाइट्स के माध्यम से हजारों लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके पहले अंक का विमोचन महिला अधिकारिता मंत्री ममता भूपेश, दूसरे का डेफ ओलंपिक की पदक विजेता वेदिका शर्मा और तीसरे अंक का विमोचन दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने की रिकॉर्डधारी मेघा हर्ष ने किया.

अभियान ने बदला महिलाओं और बच्चियों का वातावरण

अभियान के तहत स्कूलों में गुड टच बैड टच और माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रति जागरुकता का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसलिए जिला स्तर पर एक हजार अध्यापक, जिनमें पांच सौ महिला और इतने ही पुरूष अध्यापक हैं, को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इन ट्रेनर्स द्वारा जुलाई के प्रत्येक शनिवार को आयोजित प्रार्थना सभाओं में दोनो विषयों के प्रति जागरुकता लाई जाएगी. आवश्यकता के अनुसार, नए प्रशिक्षक भी तैयार किए जाएंगे.

इस प्रकार मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार, जिले में बेटी के जन्म को प्रोत्साहित करने और इसके आगे बढ़ने का बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अगुवाई में चल रहे इस अभियान के बेहतरीन परिणाम देखने सामने आएंगे, ऐसा विश्वास किया जा सकता है.

 ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी ज़िले के कलेक्टर ने बच्चियों के जीवन को नई दिशा देने के लिए ऐसे अशक्त और शक्ति प्रदान करने वाले अभियान की शुरुआत की है. ये अभियान न केवल बच्चियों के जीवन को नई दिशा देगा बल्कि प्रदेश की बच्चियों को अशक्त और मज़बूती के साथ आगे बढ़ने और बेहतर समाज निर्माण में भागीदार बनाएगा.

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Reporter- Rounak vyas

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