Bundi Superstition News: बूंदी अस्पताल में अंधविश्वास के नजारे आए दिन देखने को मिल जाते हैं. रविवार भी बूंदी ट्रॉमा सेंटर के बाहर और आईसीयू के अंदर अंधविश्वास का खेल चला. अस्पताल के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ पूजा पाठ की गई.
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Bundi Superstition News: भारत देश में अंधविश्वास का खेल 21वीं सदी में भी खत्म नहीं हुआ. जहां भारत विकसित देश बनने का दावा किया जा रहा है. आधुनिकता की बात की जाती है. लेकिन इसके बाद भी देश में कई ऐसे स्थान भी है. जहां अंधविश्वास अपनी पैठ बनाए हुए है. राजस्थान के बूंदी में अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है. बूंदी अस्पताल में अंधविश्वास की प्रकाष्ठा देखने को मिली है. जहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार वाले उसकी आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे. बताया जा रहा है कि मृत्तक 6 महीने पहले ही मृत्यु हो चुकी थी.
प्रशासन असाहाय
बूंदी अस्पताल में अंधविश्वास के नजारे आए दिन देखने को मिल जाते हैं. यहां जिले के ग्रामीण इलाकों से हर माह ढ़ोल बाजे के साथ महिलाएं - पुरुष सामान्य अस्पताल में आत्मा को मनाने के लिए पहुंचते हैं. घंटों पूजा पाठ करते हुए आत्मा को मनाने का कार्यक्रम चलता रहता है. भाव आने की घटना, झाड़ू-फूंक देखकर लोग आश्चर्य रुप से घटनाक्रम देखते रहते हैं. इसके लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो जाती हैं. लेकिन प्रशासन की इस अंधविश्वास के खेल को रोकने की हिम्मत नहीं होती हैं.
क्या है मामला
रविवार भी बूंदी ट्रॉमा सेंटर के बाहर और आईसीयू के अंदर अंधविश्वास का खेल चला. तांत्रिक के चक्कर में आकर परिवार जन जहां मौत हुई थी, वहां अंधविश्वास का खेल करने के लिए पहुंचे. ढोल नगाड़ों के साथ पूजा पाठ की गई और मौत हो चुकी रमेश लाल की आत्मा को शांति देने का काम किया गया.
6 माह पूर्व हुई थी आईसीयू में मौत
मृतक के बड़े भाई स्योजी लाल ने बताया की, हम भीलवाड़ा जिलें के माडलगढ़ इलाके के निवासी है. मेरा भाई रमेश बूंदी आ रहा था, हिंडोली के पास उसकी तबियत खराब होने उसे कुछ लोगो ने बूंदी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया था. लेकिन उसकी मौत अस्पताल में हो गई थी. 6 माह पूर्व मेरे भाई की जो मौत हुई थी, मौत होने के बाद उसकी आत्मा को शांति नहीं मिली है.
परिजन को इससे लगातार परेशानी हो रही थी. गांव के तंत्रित भोपा ने बताया की, मृतक रमेश की आत्मा भटक रही है तो शांति का पाठ करना पड़ेगा. इसलिए जहां उनकी मौत हुई थी, वहां शांति पाठ करने के लिए आए हैं. आईसीयू के पाठ करने के बाद अस्पताल के बाहर हवन किया गया है. अब मेरे हुए रमेश की आत्मा की शांति मिलेगी, घर में सुख शांति रहेगी.