बेगूं: मवेशियों की सुरक्षा और लंपी प्रकोप की रोकथाम के लिए शुरू हुए धार्मिक जतन
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बेगूं: मवेशियों की सुरक्षा और लंपी प्रकोप की रोकथाम के लिए शुरू हुए धार्मिक जतन

मवेशियों में भयंकर रूप से फैल रहे लंपी प्रकोप के चलते कृषक बाहुल्य क्षेत्र बेगूं के गांव-गांव में मवेशियों की मौत होने का सिलसिला शुरू हो जाने के कारण पशुपालक और किसान सकते में आ गए हैं. 

बेगूं: मवेशियों की सुरक्षा और लंपी प्रकोप की रोकथाम के लिए शुरू हुए धार्मिक जतन

Begun: प्रदेश भर के मवेशियों में भयंकर रूप से फैल रहे लंपी प्रकोप के चलते कृषक बाहुल्य क्षेत्र बेगूं के गांव-गांव में मवेशियों की मौत होने का सिलसिला शुरू हो जाने के कारण पशुपालक और किसान सकते में आ गए हैं. 

पशु चिकित्सा विभाग के साथ-साथ जानकार लोगों द्वारा किए जा रहे लाख जतन के बावजूद लंपी प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. ऐसे में ग्रामीण अंचल में रहने वाले पशु पालक एवं किसान अपने मवेशियों की सुरक्षा के लिए धार्मिक जतन अपनाते हुए प्राचीन परंपरा के तहत नंगाल के आयोजन करने लगे हैं. 

रविवार रात को बेगूं क्षेत्र के मड़ावदा गांव के सभी लोगों ने खेड़ा खूंट माता एवं भगवान शंकर के मंदिर पर रात्रि जागरण किया और सोमवार प्रातः नंगाल का आयोजन किया. 
नंगाल के तहत पूरे गांव के ग्रामीणों ने अपने-अपने घरों में दूध, दही, घी, पानी आदि के पात्रों को खाली कर कुछ समय के लिए खेड़ा कूट माताजी के यहां पहुंचकर गांव के सभी मवेशियों एवं जानवरों को एक साथ निकाल कर खेड़ाखूंट माता और भगवान शंकर को स्नान करवाए गए. जल एवं दूध का खोलन लेकर सभी मवेशियों पर छिड़काव किया. 
इसी प्रकार दूसरे दौर में गांव के सभी ग्रामीण, महिला, पुरुष एवं बच्चों तक को भी नंगाल से निकालकर देव चरणों के जल का छिड़काव कर सभी मवेशियों की लंपी प्रकोप एवं मनुष्यों की सुरक्षा करने की कामना की गई. 

Reporter- Deepak Vyas 

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