टाइफाइड डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं मोती महाराज, जानें कहां है ये स्थान
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टाइफाइड डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं मोती महाराज, जानें कहां है ये स्थान

स्थानों पर मेले जैसा माहौल देखा जाता है. चित्तौड़गढ़ जिले में ऐसे कहीं चमत्कारी स्थान देखने को मिले हैं.

टाइफाइड डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं मोती महाराज, जानें कहां है ये स्थान

Bari Sadri: चित्तौड़गढ़ जिले में धार्मिक भेरु बावजी, खाकल बावजी, रामदेव जी, जोइंडिया बावजी, भमरासिया बावजी, गातोड जी, श्रीनाथजी, एकलिंग जी, सांवलिया सेठ, बजरंगबली, शनि देव महाराज, अधिष्ठान चमत्कारी स्थान है. इन स्थानों पर जाने से अनेक प्रकार से रोगों से ग्रसित श्रद्धालुओं को सही दिशा एवं दुख दर्द ठीक होता है. 

इन स्थानों पर आए दिन रात्रि जागरण प्रसाद या भजन कीर्तन होते रहते हैं तथा कई स्थानों पर फूल पत्ती तो कहीं स्थानों पर भोपा भाव करके ग्रामीणों को दुख दर्द को निजात दिलाते हैं. साथ ही सही रास्ता बताते हैं. इन स्थानों पर मेले जैसा माहौल देखा जाता है. चित्तौड़गढ़ जिले में ऐसे कहीं चमत्कारी स्थान देखने को मिले हैं.

जिसमें खाकल देव जी महाराज के यहां नाग का काटा हुआ व्यक्ति भी ठीक हो जाता है. ऐसा प्रत्यक्ष देखा गया है. इसी प्रकार डूंगला कस्बे में ही मोती बावजी के नाम से जाना जाने वाला एक चमत्कारिक चबूतरे पर विराजमान मोती महाराज जिसको लोग टाइफाइड डॉक्टर के नाम से जानते हैं. इस स्थान पर मोतीझरा, छोटी माता जी, बड़ी माता जी, खाना नहीं खाना, खाने के दौरान बुधबू आना, माताजी पावणा होती है तो उस व्यक्ति को मोतेश्वर महाराज के दरबार में लाकर उनके ऊपर चढ़ाया हुआ जल को पिलाने से भयंकर से भयंकर बुखार भी मात्र 7 दिवस में ठीक हो जाता है . इस स्थान पर सिर्फ मन्नतें मांगी जाती हैं. जिसमें भी ठीक होने पर गुड की बनी हुई पकौड़ी से ही मोती महाराज खुश हो जाते हैं तथा लोगों के कष्टों का निवारण भली प्रकार कर देते हैं. 

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ग्रामीण जन इनको टाइफाइड डॉक्टर के नाम से जानते हैं. इस स्थान की बुजुर्गों से जानकारी ली तो बताया कि लगभग 300 वर्ष पुराना एक बड़ के नीचे यह स्थान था. जिसको धीरे धीरे ग्रामीणों ने एक चबूतरा बनाकर वहां पर विधि विधान के साथ बिठाया जो मोती महाराज के नाम से पूरे राजस्थान में जाना जाता है. इनका दूसरा स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में बताया जाता है. चित्तौड़गढ़ जिला अंतर्गत डूंगला कस्बे में इस स्थान पर गुजरात, महाराष्ट्र, बेणेश्वर, चित्तौड़, जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, तक के श्रद्धालु यहां पर आते हैं. दर्शन लाभ लेकर अपने आप को धन्य महसूस करते हैं.

Reporter-Deepak Vyas

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